अब समय आ गया है कि छात्र स्कूल स्तर पर नशे के चंगुल व गुटका के सेवन से बाहर निकलें. यह देखा गया है कि कक्षा आठवीं, नौवीं व दसवीं से ही पहली बार टीनएजर्स धूमपान करना शुरू करते हैं. इस समस्या से युवाओं व छात्रों को बाहर निकालने के लिए श्री चक्रवर्ती ने एक अभियान पूरे राज्य में चलाया है. अपने आर्मी ऑफ सोल्जर्स के साथ स्लोगन-आइ एम द किंग ऑफ माई माइन्ड जारी किया है. इस अभियान के तहत सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए वे युवा व छात्रों को न केवल नशे के चक्रव्यूह से बाहर निकाल रहे हैं, बल्कि उनको ऊर्जावान भी बना रहे हैं.
एक मोटीवेटर के रूप में अपने जीवन का अनुभव बताते हुए बॉबी ने कहा कि नशे की लत के कारण उन्होंने अपना प्यारा दोस्त खो दिया. वे सिगरेट, तम्बाकू से अपना नाता न जोड़ें. कार्यक्रम में उपस्थित ऑक्सफोर्ड हाइ स्कूल के रेक्टर एस सी दूबे ने कहा कि इस तरह के आयोजन से छात्रों में नशे के विरुद्ध एक चेतना आयेगी. ये बच्चे देश का भविष्य हैं, इनको हर नशे से मुक्त करना हम सबकी जिम्मेदारी है. कार्यक्रम में स्कूल के प्रिंसिपल ए के घोषाल ने कहा कि यह कलाकार बच्चों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए समाज में अच्छा काम कर रहा है. आज छात्रओं में भी नशे की लत बढ़ रही है, इसको रोकने के लिए इस तरह के अभियान चलाना बहुत जरूरी है.