राज्य के 172 कॉलेजों पर मान्यता रद्द होने की तलवार लटक रही है. इसके साथ ही इन कॉलेजों को यूजीसी से मिलने वाली वित्तीय सहायता भी गंवानी पड़ सकती है. इसके लिए मुख्य कारण इन कॉलेजों द्वारा नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन कौंसिल (एनएएसी) से कभी भी एक्रिडिटेशन के लिए आवेदन नहीं करना है. 2017 से प्रत्येक कॉलेज के लिए एनएएसी का सर्टिफिकेट होना अनिवार्य हो जायेगा. एनएएसी एक्रिडिटेशन के क्षेत्र में राज्य उत्तर प्रदेश से भी पीछे है. एनएएसी एक्रिडिटेशन प्राप्त कॉलेजों की संख्या इस प्रकार है.राज्य कॉलेजमहाराष्ट्र 1106तमिलनाडु 600कर्नाटक 584गुजरात 429पश्चिम बंगाल 288यूजीसी ने यह स्पष्ट कर दिया है वर्तमान पांच वर्ष के अंदर जिस भी कॉलेज या विश्वविद्यालय के पास एनएएसी एक्रिडिटेशन नहीं होगा, उनकी मान्यता रद्द कर दी जायेगी. पर राज्य के अधिकतर कॉलेजों को यूजीसी के इस फरमान की फिक्र नहीं है. राज्य के 460 सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में से केवल 288 ने एक्रिडिटेशन हासिल किया है या उसका नवीनीकरण करवाया है. यूजीसी सूत्रों के अनुसार राज्य के कुछ कॉलेजों को सी ग्रेड मिला है, जिसके फलस्वरूप वह किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता हासिल करने के योग्य नहीं हैं.
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राज्य के कई कॉलेजों की रद्द हो सकती है मान्यता (आंकड़ा)
राज्य के 172 कॉलेजों पर मान्यता रद्द होने की तलवार लटक रही है. इसके साथ ही इन कॉलेजों को यूजीसी से मिलने वाली वित्तीय सहायता भी गंवानी पड़ सकती है. इसके लिए मुख्य कारण इन कॉलेजों द्वारा नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन कौंसिल (एनएएसी) से कभी भी एक्रिडिटेशन के लिए आवेदन नहीं करना है. 2017 से […]
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