असल में यह मामला भाजपा की विश्वसनीयता के साथ जुड़ गया है. केंद्र में भाजपा की सरकार है. अगर नगरपालिका चुनाव में केंद्रीय वाहिनी नहीं आती है, तो इससे लोगों के बीच एक गलत संदेश जायेगा. इसलिए भाजपा के प्रदेश नेता अपने केंद्रीय नेताओं से चुनाव में केंद्रीय वाहिनी भेजने की गुहार लगा रहे हैं, पर केंद्रीय नेतृत्व उनकी बात नहीं सुन रहा है, क्योंकि अंदर ही अंदर भाजपा व तृणमूल में राजनीतिक समझौता हो चुका है.
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निकाय चुनाव: तृणमूल-भाजपा में गुप्त समझौता !
कोलकाता: कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा अपनी साख बचाने के लिए नगरपालिका चुनाव में केंद्रीय वाहिनी के आने का जाप कर रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि कैसे भाजपा का कोई नेता केंद्रीय वाहिनी आने की बात कर सकता है, क्योंकि यह एक प्रशासनिक मामला […]
कोलकाता: कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा अपनी साख बचाने के लिए नगरपालिका चुनाव में केंद्रीय वाहिनी के आने का जाप कर रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि कैसे भाजपा का कोई नेता केंद्रीय वाहिनी आने की बात कर सकता है, क्योंकि यह एक प्रशासनिक मामला है.
श्री चौधरी ने कहा कि यह दिल्ली में दोस्ती व कोलकाता में कुश्तीवाला मामला है. भाजपा को राज्यसभा में तृणमूल की मदद चाहिए और तृणमूल को सीबीआइ से राहत. राज्य भाजपा के नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, पर उनका केंद्रीय नेतृत्व तृणमूल के खिलाफ एक शब्द नहीं कह रहा है. चुनाव में भाजपा के एक भी केंद्रीय नेता का नहीं आना इस बात का सबूत है. हालांकि भाजपा ने एलान किया था कि इस चुनाव में पार्टी के बड़े-बड़े नेता प्रचार अभियान में हिस्सा लेंगे. श्री चौधरी ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में भी कांग्रेस अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हमारा लक्ष्य अपनी क्षमता को बरकरार रखना व अपनी ताकत में इजाफा करना है. इस बार बड़ी संख्या में युवा पीढ़ी हमारे साथ जुड़ी.
श्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री महानगर को लंदन बनाने की बात करती हैं, पर उन्हें इस शहर की समझ ही नहीं है. कोलकाता आर्सेनिक के बम पर बैठा हुआ है. आर्सेनिक युक्त जल व प्रदूषण के कारण बड़ी संख्या में लोग टीबी व कैंसर के शिकार हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले राज्य में आतंक का माहौल बनाया जा रहा है. उम्मीदवारों व कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं. पुलिस भी इसमें तृणमूल की मदद कर रही है. इसका मकसद केवल यह साबित करना है कि बंगाल में तृणमूल के सिवाय कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए माकपा और तृणमूल कोई भी अछूत नहीं है. दोनों ही दलों की सहायता से कांग्रेस केंद्र में सरकार बना चुकी है. भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ सोनिया गांधी के नेतृत्व में तृणमूल और माकपा के सांसद भी साथ आये थे. पार्टी किस के साथ गंठबंधन करेगी, यह देखना मेरा काम नहीं है. मेरा लक्ष्य कांग्रेस को मजबूत बना अपने पैरों पर खड़ा कर अकेले चुनाव लड़ने के लायक बनाना है.
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