कोलकाता: विभिन्न अल्पसंख्यक संस्थानों के मंच स्टेट फोरम ऑफ माइनॉरिटीज ऑर्गनाइजेशन ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की बयान की कड़े शब्दों में निंदा करने के साथ-साथ उनसे माफी मांगने की मांग की है. कुछ दिन पहले मोहन भागवत ने यह विवादित बयान दिया था कि मदर टेरेसा लोगों की सेवा की आड़ में धर्मांतरण करती थीं. उनके इस बयान के खिलाफ संगठन की ओर से विरोध सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी धर्मो के लोग शामिल हुए.
सभा को संबोधित करते हुए संगठन के संयोजक हिरोद मलिक ने कहा कि मोहन भागवत ने यह बयान सोच-समझ कर दिया है, इसके पीछे आरएसएस की साजिश है, जो इस प्रकार के बयानों से अल्पसंख्यकों को भयभीत करना चाहता है. श्री मलिक ने कहा कि अपने इस बयान के लिए मोहन भागवत को फौरन माफी मांगनी होगी. मदर टेरेसा शांति व दया की प्रतिक थीं. वह किसी का धर्म व वर्ग देख कर सेवा नहीं करती थीं. आरएसएस प्रमुख ने यह बयान देकर करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है.
सभा को संबोधित करते हुए संगठन के संयुक्त संयोजक मोहम्मद कमरुज्जमां ने कहा कि सबसे हैरत की बात है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश बैठे हैं. उन्हें फौरन इस मुद्दे पर बयान देकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री द्वारा अल्पसंख्यकों को दिये गये सुरक्षा के आश्वासन के बावजूद अल्पसंख्यकों पर देशभर में हमले बंद नहीं हुए हैं. ऐसा लगता है कि या तो प्रधानमंत्री या तो मजबूर हैं या फिर उनमें इस प्रकार की घटनाओं को रोकने की क्षमता नहीं है. सभा को जगमोहन सिंह गिल, हेमंदु विकास चौधरी, एच दास, मुश्ताक अहमद, नॉर्टन एमानुएल, फादर फॉस्टिन ब्रांक, कल्याण मोत्र, फादर केएल जोस, फारुक अहमद, डॉ स्वपन मुख्ती, पल्लव लिमा, काचन चकमा व भरपूर सिंह ने संबोधित किया.