कोलकाता: पश्चिम बंगाल की संस्कृति के साथ अफगानिस्तान का भावनात्मक जुड़ाव है. भारत और अफगानिस्तान स्वाभाविक रूप से व्यावसायिक साङोदार है. खास कर कोलकाता के साथ तो अफगानी और भी सहज है. आज मर्चेट चेंबर ऑफ कॉमर्स में भारत में अफगानिस्तान के राजदूत शाहिदा मोहम्मद अब्दाली ने उद्यमियों के साथ अफगानिस्तान में व्यापार और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए उक्त आशय का विचार व्यक्त किया.
इस कार्यक्रम में उन्होंने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भारतीय उद्यमियों तथा सरकार की भागीदारी की सराहना की. साथ ही उन्होंने खनन, चिकित्सा, शिक्षा, सीमेंट, प्रौद्योगिकी, खाद्य- प्रसंस्करण, सूचना तकनीक जैसे क्षेत्र में व्याप्त संभावनाओं पर चर्चा की. खासकर दक्षिण तथा मध्य एशिया को जोड़ने वाले इस क्षेत्र के विकास में भारतीय उद्योगपतियों से उल्लेखनीय भूमिका निभाने का आग्रह किया.
इसके लिए अफगानिस्तान की सरकार की ओर से निवेश की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपायों का भी जिक्र किया. टेक्सटाइल उद्योग से लेकर अभियांत्रिकी, लॉजिस्टिक, विनिर्माण उद्योग में व्याप्त अवसरों पर भी उन्होंने निवेश की संभावना जतायी. अफगानिस्तान एक्सपोर्ट प्रमोशन एजेंसी के माध्यम से उन्होंने दोनों देशों के व्यवसायियों को पास लाने के लिए बीटूबी मीटिंग तथा प्रदर्शनी के माध्यम से एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करने पर बल दिया. इस अवसर पर उन्होंने अफगानिस्तान में रेलवे लिंक के निर्माण की महत्वाकांक्षी परियोजना हाजीनगर प्रोजेक्ट पर भी जानकारी दी. करीब 11 बिलियन निवेश की यह परियोजना अफगानिस्तान सरकार के पास विचाराधीन है.
इस कार्यक्रम में मर्चेट चेंबर के अध्यक्ष अरुण सर्राफ ने अपने उद्घाटन भाषण में अफगानिस्तान के साथ विभिन्न क्षेत्रों पर व्यवसाय को लेकर विचार व्यक्त करते हुए कोलकाता के साथ औपनिवेशिक काल से ही ऐतिहासिक संबंधों की जानकारी दी. इस अवसर पर अन्य विशिष्ट अतिथियों में अफगान सरकार के आर्थिक सलाहकार सैयद मुजतबा अहमदी और फेडरेशन ऑफ इंडियन इकोनॉमिक आर्गेनाइजेशन के पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष रमेश कुमार अग्रवाल उपस्थित थे.