उनके साथ कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी, सांसद मुनमुन सेन, प्रसेनजीत चटर्जी सहित वाणिज्यिक प्रतिनिधिमंडल भी बांग्लादेश गया है. सुश्री बनर्जी ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनकी बांग्लादेश यात्र ऐतिहासिक है. हम इसके पहले सिंगापुर गये थे. वहां का परिणाम काफी अच्छा रहा है. वह बांग्लादेश से प्यार करती हैं. उनकी और हमारी भाषा और संस्कृति एक है. पहले ए पार तथा वो पार बांग्ला एक ही था. उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेश को अपना दूसरा घर मानती हैं. उनकी प्रधानमंत्री शेख हसीना तथा बांग्लादेश के राष्ट्रपति के साथ बैठक होगी.
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मुख्यमंत्री पहुंचीं बांग्लादेश, तीस्ता नदी करार पर बात बनने की उम्मीद
कोलकाता/ढाका: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन दिवसीय दौरे पर बांग्लादेश पहुंच गयी हैं. ममता अपने दौरे के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद तथा प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात करेंगी. सुश्री बनर्जी गुरुवार की शाम को एयर इंडिया के विमान से ढाका के लिए रवाना हुईं. उनके साथ कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी, सांसद मुनमुन सेन, […]
कोलकाता/ढाका: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन दिवसीय दौरे पर बांग्लादेश पहुंच गयी हैं. ममता अपने दौरे के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद तथा प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात करेंगी. सुश्री बनर्जी गुरुवार की शाम को एयर इंडिया के विमान से ढाका के लिए रवाना हुईं.
उनके साथ एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है, जो दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने को लेकर बातचीत करेगा. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने उन्हें फोन किया था तथा उनकी बांग्लादेश यात्र के पहले शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने (ममता) उन्हें आश्वास्त किया कि वह चिंता नहीं करें, वह दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध के लिए पूरी कोशिश करेंगी. वह चाहती हैं कि चाहे बिजनेस हो या पर्यटन या परिवहन दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान बढ़े. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश दोनों ही 21 फरवरी को भाषा दिवस का पालन करते है. दोनों देशों में पूरे उत्साह से मनाया जाता है. क वि नजरूल तथा रवींद्रनाथ दोनों जगह समान रूप से याद किये जाते हैं. हालांकि सुश्री बनर्जी ने तीस्ता जल बंटबारे को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि इस संबंध में वह बांग्लादेश जाकर ही कोई बात करेंगी, लेकिन छिट महल के संबंध में सुश्री बनर्जी ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को प्रस्ताव दिया है. जमीन विवाद के समाधान में 17000 एकड़ जमीन पर बसे लोगों के पुनर्वास की जरूरत है. इसके लिए केंद्र सरकार से मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश यात्र के पहले 111 बांग्लादेशी कैदियों को छोड़ा गया है. इस वर्ष कुल 267 कैदियों को छोड़ा जा चुका है. 2011 में 773, 2012 में 1826, 2013 में 3127 तथा 2014 में 2424 कैदियो को छोड़ा गया था. इनमें कई आजीवन सजा प्राप्त कैदी भी हैं.
ममता के दौरे पर बांग्लादेश को काफी उम्मीदें
इसी बीच, बांग्लादेश के विदेश मामलों के राज्य मंत्री शहरयार आलम ने कहा कि उनके (ममता बनर्जी) दौरे से तीस्ता जल बंटवारा करार और भूमि सीमा करार पर आगे बढ़ने की उम्मीदें है. वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनका यह पहला दौरा है.
विदेशी मामलों के राज्य मंत्री शहरयार आलम ने बनर्जी के दौरे की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा कि हमें उम्मीद है कि उनके इस दौरे से ढाका और दिल्ली के बीच लंबित मुद्दों के समाधान के लिए अनुकूल माहौल बनेगा. उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर, द्विपक्षीय मुद्दा केंद्र सरकारों द्वारा सुलझाया जाता है. लेकिन, हमारा मानना है कि उनके इस दौरे से भविष्य में लंबित मुद्दों के समाधान में सहूलियत होगी.
बांग्लादेश और भारत के बीच 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे के दौरान तीस्ता समझौता होने वाला था, लेकिन अंतिम वक्त पर बनर्जी के एतराज के कारण यह रुक गया था. तीस्ता करार इसलिए नहीं हो पाया था क्योंकि बनर्जी ने प्रस्तावित जल की मात्र पर यह कहते हुए आपत्ति जतायी थी कि इससे उनके राज्य को नुकसान होगा.
कई विश्लेषकों का मानना है कि ममता का यह दौरा वस्तुत: तनाव भरे रिश्तों में ‘जमी हुई बर्फ’ को तोड़ने वाला होगा, क्योंकि उनके इस दौरे से भूमि सीमा समझौते (एलबीए) की अभिपुष्टि पर आगे बढ़ने की उम्मीद है. इस मुद्दे पर ममता अतीत में भी आपत्ति जता चुकी है.
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