कोलकाता: प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय ने नए पाठ्यक्र म के तहत लव यानी प्यार पर एक अलग पेपर की पढ़ाई शुरू करने का फैसला किया है. प्रेम के विभिन्न पहलुओं से अवगत होने के लिए छात्र-छात्रएं साल 2014 की जनवरी से इस प्रोग्राम का हिस्सा बन सकते हैं. इस प्रोग्राम के तहत किसी भी विषय में ग्रेजुएशन में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्रएं ‘लव’ के इस पेपर को पास विषय के रूप में अपना सकेंगे. रविवार को प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय की कुलपति मालविका सरकार ने कहा कि यह कोर्स विश्वविद्यालय के इंटरडिस्पिलनरी स्टडीज प्रोग्राम का हिस्सा है. 50 नंबर वाले इस पेपर को शुरू करने का आइिडया सोशियोलॉजी (समाज विज्ञान) डिपार्टमेंट का था. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उसके इस प्रस्ताव को हाथोंहाथ लिया. छात्र-छात्रओं में भी इस नए पेपर के प्रति भारी दिलचस्पी है.
दरअसल, विश्वविद्यालय के पाठ्यक्र म के ढांचे में बदलाव की वजह से ही इस नये और अलग तरह के पेपर की पढ़ाई शुरू करने का मौका मिला. नये पाठ्यक्र म में विश्वविद्यालय के कुछ विषयों की जगह जनरल एजुकेशन की पढ़ाई होगी. इसके अलग-अलग पेपर की पढ़ाई अलग-अलग विभाग
करायेंगे.
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय में जुलाई महीने से विद्यार्थियों को मुख्य विषयों से हट कर अन्य विषयों की जानकारी देना शुरू की गयी है. विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सौमक रायचौधरी ने कहा कि देश में यह अपनी तरह का पहला कदम है. विश्वविद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था के अनुसार ऑनर्स के विद्यार्थियों को पास विषयों की पढ़ाई करनी होती है. प्रेसिडेंसी में पास विषय को बदल दिया गया है. पास विषयों को छात्र गंभीर रूप से नहीं लेते हैं. इसलिए बजाय उन पर दबाव बनाये विषयों को दो समूहों में बांट दिया गया है. जिसमें ऑनर्स के छात्रों को कुल 10 पेपर लेने होंगे. इनमें विज्ञान विभाग के छात्रों को कला विभाग के दो पेपर चुनने होंगे, जो उनके मुख्य विषय से अलग होंगे.
प्राचीन से बॉलीवुड तक के प्यार की बतायी जायेगी परिभाषा
इस पेपर में सामाजिक नजरिये से प्यार की अवधारणा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला जायेगा. इसके तहत प्राचीन भक्तिकाल से शुरू करते हुए बॉलीवुड की प्यार की मौजूदा परिभाषा तक को शामिल किया जायेगा. प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की कुलपति मालविका सरकार कहती हैं, कला के विविध रूपों में प्यार की अवधारणा और परिभाषाएं भिन्न हैं. नए पेपर में इन सबका निचोड़ होगा. हम सूफी गायन के अलावा रवींद्र संगीत, बॉलीवुड की फिल्मों और साहित्य में प्यार की परिभाषा को इस नये पेपर में शामिल करेंगे.
तीसरे या चौथे सेमेस्टर में पेपर ले सकेंगे छात्र
इस साल दाखिला लेने वाले छात्र तीसरे या चौथे सेमेस्टर में यह पेपर ले सकते हैं. लेकिन आगे चल कर इसे पहले सेमेस्टर से शुरू करने की योजना है. इस पेपर में जीवन के कुछ कथित विरोधाभासों के बारे में भी एक अध्याय होगा. समाजविज्ञानी प्रोफेसर स्वपन कुमार प्रामाणकि कहते हैं, समाजविज्ञान के तहत फैमिली यानी परिवार पर एक अध्याय होता है. लेकिन प्यार पर एक अलग पेपर शुरू करने की यह पहली मिसाल है.