एटक समर्थित टैक्सी संगठनों की ओर से लगातार टैक्सी चालकों के हित में आंदोलन किया जा रहा है. संगठन ने 27 जनवरी को हड़ताल भी की थी, लेकिन परिवहन सचिव के आश्वासन के बाद हड़ताल एक दिन में ही वापस ले ली थी. टैक्सी चालकों के हित में लालबाजार पुलिस आयुक्त को ज्ञापन देने की योजना थी, जिसे बैठक के आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया था. कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य सरकार राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित होकर काम कर रही है. वे लोग लगातार टैक्सी चालकों के हित के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अपनी प्रशासनिक बैठक में ही उन लोगों को नहीं बुलाया है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
बैठक में शामिल होने के लिए कार्ड का वितरण सरकारी अधिकारियों द्वारा नहीं, बल्कि तृणमूल नेताओं की ओर से किया जा रहा है. इससे बैठक की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं तथा इससे टैक्सी चालकों व ऑटो चालकों की समस्या का समाधान संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि वे कल तक इंतजार करेंगे. यदि उन्हें आमंत्रण नहीं मिला, तो वे बैठक का बॉयकॉट करेंगे. सीटू नेता व पूर्व मंत्री अनादि साहू ने कहा कि उन्हें बैठक की कोई जानकारी नहीं है. ऐसी स्थिति में बैठक में भाग लेने का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने कहा कि इससे पहले हुई बैठक में वे शामिल हुए थे, लेकिन इस बैठक में नहीं बुलाने पर जाने का सवाल ही नहीं उठता है. बंगाल टैक्सी एसोसिएशन के महासचिव विमल गुहा ने कहा कि मुख्यमंत्री टैक्सी व ऑटो चालकों और मालिकों की समस्या के समाधान के लिए बैठक बुलायी है. उन्होंने नबान्न से एसएमएस कर बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि बैठक में सीटू व एटक समर्थित टैक्सी संगठनों के पदाधिकारियों को बुलाना चाहिए था. वामपंथी टैक्सी संगठनों के बैठक में शामिल नहीं होने से प्रयास पूरा नहीं होगा.