टेंडर मिलने के बावजूद उन्हें उस जगह पर पार्किग स्थल का दखल लेने नहीं दिया जा रहा था. जब भी वह वहां गाड़ियों की पार्किग के लिए जाते थे, इलाके के कुछ बदमाश उन्हें बाधा देते थे. इससे परेशान होकर उन्होंने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. उनकी इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इलाके के असामाजिक तत्व को वहां से हटा कर उस पार्किग स्थल का दखल भोला सोनकर को देने का निर्देश नॉर्थ पोर्ट थाने की पुलिस को दिया था.
निर्देश में अदालत ने पुलिस से दस दिनों के भीतर इसकी रिपोर्ट सौंपने को कहा था. इसी के तहत नॉर्थ पोर्ट थाने की पुलिस शुक्रवार शाम को सिक लेन पर पार्किग स्थल का दखल भोला सोनकर को दिलाने गयी थी, तभी पार्किग में रुकावट डालनेवाले इलाके के बदमाश वहां आ पहुंचे और दखल लेने में बाधा देने लगे. इस दौरान पुलिसकर्मियों के साथ धक्का मुक्की भी की गयी, जिसके बाद बदमाशों को थाने ले जाकर चेतावनी देकर पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया. वहीं इस मामले पर भोला सोनकर का कहना है कि पुलिस की चेतावनी के बावजूद इलाके के बदमाश उन्हें पार्किग स्पेस पर कब्जा नहीं करने दे रहे हैं और धमका रहे हैं.
टेंडर का हकदार होने के बावजूद उन्हें इलाके के बदमाशों ने पार्किग स्थल का दखल लेने नहीं दिया. इसी बीच माननीय उच्च न्यायालय का निर्देश भी आया, इसके बाद पुलिस भी उन्हें पार्किग स्थल का दखल नहीं दिलवा पायी. अदालत के निर्देश की अवहेलना की जानकारी देकर उन्होंने फिर से अदालत में जाने का मन बनाया है.