घोष ने सीबीआइ को लिखे पत्र में कहा है कि पूछताछ के दौरान राय कोई सूचना छुपा सकते हैं. उनके साथ बैठाकर पूछताछ करने पर सच सामने आ जायेगा.
उन्होंने लिखा है कि इसके पहले सारधा चिटफंड मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता व पूर्व डीजीपी रजत मजूमदार व सृंजय बसु ने कई गलत सूचनाएं दी थीं, लेकिन उनके साथ बैठाकर पूछताछ करने पर सच सामने आ गया था. उल्लेखनीय है कि इसके पहले 22 दिसंबर को घोष ने न्यायाधीश अरविंद मिश्र के माध्यम से अपील की थी कि उनके पास ममता बनर्जी और मुकुल राय के संबंध में सारधा से संबंधित काफी जानकारी है.
जेल में सीबीआइ उनके बयान दर्ज करें. घोष की अपील पर न्यायाधीश के निर्देश पर 24 दिसंबर को सीबीआइ ने घोष के बयान रिकार्ड किये हैं. सीबीआइ सूत्रों के अनुसार, घोष को सीबीआइ को लगभग 10 मिनट की वीडियो क्लीपिंग भी दी है. इसमें कलम पत्रिका को चलाने को लेकर हुई बैठक में राय शामिल हैं.