कोलकाता. कांग्रेस के श्रमिक संगठन इंटक ने जोका इएसआइसी मेडिकल कॉलेज को बंद करने के केंद्र के फैसले का कड़ा विरोध किया है. प्रदेश इंटक अध्यक्ष व वेस्ट बंगाल रिजनरल बोर्ड ऑफ इएसआइसी के सदस्य रमेन पांडे ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे 200 मेडिकल छात्रों का कैरियर प्रभावित होगा. श्री पांडे ने बताया कि 100 मेडिकल छात्र पहले से यहां पढ़ रहे हैं. ज्वाइंट इंटरेंस की परीक्षा पास कर इस वर्ष 100 छात्र इस मेडिकल कॉलेज में भरती हुए हैं. इनका क्या होगा. यह उत्तर-पूर्व भारत में इएसआइ का एकमात्र मेडिकल कॉलेज है. पिछली यूपीए सरकार ने पूरे देश में ऐसे 12 मेडिकल कॉलेज शुरू किये थे. पर अब मोदी सरकार को यह मेडिकल कॉलेज पसंद नहीं आ रहे हैं, इसलिए सरकार ने इन सभी मेडिकल कॉलेजों को बंद करने फरमान जारी कर दिया है. केंद्र के इस फैसले से न केवल 200 छात्रों का भविष्य अंधेरे में डूब जायेगा, बल्कि राज्य से एक मेडिकल कॉलेज भी खत्म हो जायेगा. श्री पांडे ने कहा कि इस मेडिकल कॉलेज को शुरू करने में केंद्र का एक पैसा नहीं लगा है. यह श्रमिकों के खून-पसीने की कमाई से शुरू किया गया है. 12 मेडिकल कॉलेज चालू करने पर मजदूरों के करोड़ों रुपये खर्च कर दिये गये. अब केंद्र सरकार कह रही है कि इएसआइ का काम मेडिकल कॉलेज चलाना नहीं, बल्कि केवल श्रमिकों का इलाज करना है. आखिर इन मेडिकल कॉलेजों को शुरू करने के लिए श्रमिकों के जो करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं, उनका क्या होगा. हमें सरकार का यह फैसला मंजूर नहीं है. हम जोका इएसआइ मेडिकल कॉलेज को किसी भी हाल में बंद नहीं होने देंगे. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ हम जोरदार आंदोलन करेंगे.
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जोका इएसआइ मेडिकल कॉलेज बंद करने का इंटक ने किया विरोध
कोलकाता. कांग्रेस के श्रमिक संगठन इंटक ने जोका इएसआइसी मेडिकल कॉलेज को बंद करने के केंद्र के फैसले का कड़ा विरोध किया है. प्रदेश इंटक अध्यक्ष व वेस्ट बंगाल रिजनरल बोर्ड ऑफ इएसआइसी के सदस्य रमेन पांडे ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे 200 मेडिकल छात्रों का कैरियर प्रभावित होगा. […]
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