नित्यानंद बेरा के मुताबिक, कुछ दिनों से जमीन को लेकर एक समस्या चल रही थी. इस संबंध में राजनीतिक तौर पर सहायता मांगने पर वह नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने भाजपा का समर्थन करने का फैसला किया. पिछली रात अचानक कुछ बदमाशों ने उनके घर में तोड़फोड़ की.
चार महीने पहले वह तृणमूल छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे. कुछ दिनों पहले गांववालों की ओर से उन्हें बता दिया गया कि उनके परिवार को पानी व अन्य चीजों की सुविधा तभी मिलेगी, जब वह 1001 रुपये का जुर्माना अदा करेंगे. दो महीने से उन्हें नल से पानी नहीं लेने दिया जा रहा. उन्हें खेती भी नहीं करने दी जा रही.
लिहाजा उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. इस संबंध में जब तृणमूल नेताओं से पूछताछ की गयी, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. मेयर परिषद सदस्य सोमनाथ बेरा ने कहा कि वह इस बाबत कुछ नहीं जानते. जिला पुलिस अधीक्षक सुकेश जैन ने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.