कोलकाता : करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार परिवहन मंत्री मदन मित्र को रविवार सुबह एसएसकेएम अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. अस्पताल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में स्वस्थ पाये जाने के बाद मित्र को रविवार को डिस्चार्ज कर दिया गया. लेकिन अस्पताल से अलीपुर केंद्रीय संशोधनागार पहुंच कर मित्र जेल अस्पताल में दाखिल हो गये. उन्हें किस आधार पर जेल अस्पताल में रखा गया है, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि मित्र को जेल अस्पताल के चार नंबर वार्ड में रखा गया है. एसएसकेएम अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा मित्र को स्वस्थ बताये जाने के बाद वापस उन्हें जेल अस्पताल में रखा जाना कई सवाल खड़े कर रहे हैं? जेल अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों की भूमिका पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं.
गौरतलब है कि अलीपुर केंद्रीय संशोधनागार में सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने के बाद 19 दिसंबर को मित्र को एसएसकेएम में भरती कराया गया था. उनकी चिकित्सीय जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड भी गठित किया गया था. शनिवार को अस्पताल के अधिकारियों ने मेडिकल परीक्षण में सब कुछ ठीक पाये जाने के बाद मित्र को अस्पताल से डिस्चार्ज करने निर्णय लिया. एसएसकेएम के निदेशक प्रदीप मित्र ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया था कि मेडिकल बोर्ड ने यह महसूस किया कि उन्हें अब और अधिक समय तक के लिए अस्पताल में रखने की जरूरत नहीं है. एक बार औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद जेल के अधिकारी उन्हें वापस ले जायेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि मंत्री के स्वास्थ्य की समीक्षा सात दिनों के बाद की जायेगी. ध्यान रहे कि मदन मित्र को सीबीआइ ने 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वे दो जनवरी तक न्यायिक हिरासत में हैं.
प्रिजन वैन से नहीं जाने की फरमाइश: परिवहन मंत्री मदन मित्र को एसएसकेएम अस्पताल से जेल ले जाने का क्रम काफी नाटकीय रहा. सूत्रों के मुताबिक, रविवार सुबह जब पुलिस कर्मी प्रिजन वैन से उन्हें जेल ले जाने लगे तो उन्होंने उस वैन से जाना स्वीकार नहीं किया. कथित तौर पर मित्र ने अपने निजी वैन से जाने की बात कही. बाद में मित्र को पुलिस कर्मी बोलेरो पर बैठाकर जेल पहुंचे. इस दौरान पत्रकारों ने मित्र से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.
जेल अस्पताल में खास बंदोबस्त:मदन मित्र को रविवार को जेल अस्पताल में रखा गया. सूत्रों के अनुसार, उन्हें वार्ड नंबर चार में रखा गया है. बताया जा रहा है कि उन्हें एक नया बिस्तर, दो तकिये और दो कंबल दिये गये हैं. अन्य विचाराधीन कैदियों की तुलना में उनका कुछ खास ख्याल रखने का मामला सामने आया है. यह भी कहा जा रहा है कि वे जिस वार्ड के केबिन में हैं वहां से अन्य कैदियों को हटा दिया गया है. बताया जा रहा है कि छह नंबर वार्ड में डेकोरेशन का काम जोरों पर चल रहा है जिसमें बाद में मदन मित्र को स्थानांतरित किया जा सकता है. हालांकि आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
किसी पहेली से कम नहीं परिवहन मंत्री का अस्पताल जाना और फिर जेल में वापसी
19 दिसंबर को अदालत में पेशी के बाद मदन मित्र को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. जेल जाने के कुछ देर बाद ही अस्वस्थ होने की बात कहे जाने पर उन्हें राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में भरती कराया गया. वहां वीआइपी लोगों को मिलने वाली सुविधा के तहत वुडबर्न वार्ड में रखा गया.
कई दिनों के टेस्ट व चिकित्सीय जांच के बाद विगत शनिवार को अपराह्न अस्पताल में मेडिकल बोर्ड ने मदन मित्र के स्वस्थ होने की घोषणा की. बोर्ड ने उन्हें डिस्चार्ज करने का फैसला लिया.
मेडिकल बोर्ड के फैसले के बाद डिस्चार्ज समरी तैयार की गयी जिसे अलीपुर संशोधनागार में भेजा गया.
अस्पताल की डिस्चार्ज समरी मिलने के बाद शनिवार की शाम जेल का वाहन अस्पताल पहुंचा. मदन को जेल वापस ले जाने का कार्यक्रम शुरू हुआ.
शनिवार शाम छह बजे से एक बार फिर मदन मित्र के अस्पताल से जेल ले जाने को लेकर संशय दिखायी देने लगा. हुआ यूं कि मदन मित्र ने सीने में दर्द की शिकायत की और वह जेल जाने से मना करने लगे. सूत्रों के अनुसार,पुलिस की ओर से मित्र को समझाने-बुझाने का प्रयास जारी रहा. दूसरी ओर अस्पताल के बाहर मदन मित्र के समर्थकों की भीड़ भी जुटने लगी.शनिवार की रात मामला काबू में आता दिखा और जेल जाने के पहले मदन मित्र को खाना दिया गया.
अब लगा कि मदन मित्र जेल जाने के लिए तैयार हैं लेकिन मामले में एक बार फिर नाटकीय मोड़ आया और सूत्र के अनुसार, अस्पताल की ओर से मदन मित्र की चिकित्सीय जांच दुबारा किये जाने की बात कही गयी. हालांकि इस जांच को लेकर प्रशासनिक रूप से पुष्टि नहीं की गयी लेकिन मेडिकल बोर्ड के दबाव होने की झलक जरूर मिल रही थी. प्रश्न यह भी उठ रहा था कि एक बार रिलीज ऑर्डर होने के बाद दुबारा चिकित्सीय जांच लेने के फैसले का क्या कारण था? बहरहाल शनिवार की रात साढ़े आठ बजे मंत्री के परिजन वार्ड से बाहर निकले लेकिन किसी से कुछ नहीं कहा. पुलिस दोबारा मदन मित्र के केबिन में पहुंची.
काफी देर बाद प्रशासनिक रूप से कहा गया कि काफी रात होने की वजह से मित्र को अस्पताल से तत्काल डिस्चार्ज नहीं किया जायेगा. लेकिन सूत्रों की माने तो यह भी खबर सामने आ रही थी कि किसी ज्योतिष के परामर्श के अनुसार मदन मित्र रात तीन बजे के बाद ही अस्पताल से बाहर निकलना चाहते हैं. बहरहाल रविवार की सुबह आखिरकार मदन मित्र को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
जेल अस्पताल में रखे जाने को लेकर उठ रहे सवाल
जेल अस्पताल के चार नंबर वार्ड में रखा गया है परिवहन मंत्री को
सीबीआइ ने सारधा घोटाले में मदन मित्र को गिरफ्तार किया है
19 दिसंबर को एसएसकेएम अस्पताल में भरती हुए थे मदन