कोलकाता. बाबा रामदेव की कथा सुनने से जन्म जन्मों का पाप के पतन होता है. श्रीरामदेव सेवा ट्रस्ट, मालापाड़ा की ओर से आयोजित पांच दिवसीय बाबा श्री रामदेव अमृत कथा के अंतिम दिन कथा व्यास लक्ष्मीकांत व्यास (मुन्ना) ने रविवार को कहा कि रामापीर के 24 फरमान जनहित में लाभदायक हैं. पाप कर्मों से परे रह कर धर्म में रत रहना, जीवों पर दया करना चाहिए. गुरु के चरणों में अपने पापों का संपूर्ण समर्पण करके परमात्मा की सेवा के लिए हर समय तत्पर रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि वाद-विवाद, ईर्ष्या-निंदा भावों का त्याग जो करता है, वह सुख पाता है. पूजा-पाठ के कार्यक्रमों में पूर्ण उत्साह से सहयोग करना चाहिए. ज्ञान और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपेन आपको पूर्णतया सद्गुरु को समर्पित कर देना चाहिए. परमात्मा पर दृढ़ विश्वास रखना चाहिए कि वे हमारे अंदर की खूबियों को निखारेगा. नगूरा वह भगवावेषी व्यक्ति है, जिसका तन तो उजला है, पर मन मैला है. ऐसे व्यक्ति में परमात्मा के नूर का लेश मात्र भी नहीं रहता है. ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए. जीवों की सेवा ही परमात्मा की सेवा है. सनातन धर्म की इस सीख को अपनी जिम्मेवारी समझना चाहिए. सच्चा भक्त वही है, जो विनम्र है, सदाचारी है, माया के जंजाल से खुद को निकालने का प्रयास ऐसे ही व्यक्ति करता है. कथा की सफलता में संस्था के अध्यक्ष विजय दम्मानी, जुगल किशोर मूंधड़ा, राजेश चांडक, विजय कुमार कंदोई, पन्नालाल कोचर, तिलोकचंद डागा, नवनीत बागड़ी, विजय कुमार दुजारी का विशेष सहयोग रहा.
BREAKING NEWS
Advertisement
बाबा रामदेव की कथा सुखदायी : व्यासजी
कोलकाता. बाबा रामदेव की कथा सुनने से जन्म जन्मों का पाप के पतन होता है. श्रीरामदेव सेवा ट्रस्ट, मालापाड़ा की ओर से आयोजित पांच दिवसीय बाबा श्री रामदेव अमृत कथा के अंतिम दिन कथा व्यास लक्ष्मीकांत व्यास (मुन्ना) ने रविवार को कहा कि रामापीर के 24 फरमान जनहित में लाभदायक हैं. पाप कर्मों से परे […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement