कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. उन्होंने सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को न्यायिक हिरासत से राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में भेजे जाने व सुविधाओं पर कई सवाल खड़े किये हैं.
जानकारी के अनुसार, कुणाल ने मामले को देख रहे न्यायाधीश को पत्र लिख कर मदन मित्रा को मिलने वाली सुविधाओं पर उंगली उठायी है. उन्होंने कथित तौर पर मित्रा के स्वास्थ्य की निगरानी करने वाले चिकित्सकों की भूमिका की जांच की भी मांग की है. सूत्रों के अनुसार, पत्र में कुणाल ने आरोप लगाया है कि न्यायिक हिरासत में रहने के बावजूद मदन मित्रा को काफी सुविधाएं मिल रही हैं.
मित्रा से लोग आसानी से मिल रहे हैं लेकिन जब वह (कुणाल घोष) अस्पताल में थे तो ऐसी सुविधाएं उन्हें नहीं मिली. उन्हें फोन की सुविधा भी नहीं मिली,जबकि मित्रा को न केवल उनके परिवार के लोगों से मिलने की सुविधा दी गयी है, वह फोन भी कर पा रहे हैं. मित्रा न्यायिक हिरासत के बावजूद अस्पताल में रह कर अपने प्रभाव का इस्तेमाल का मामले को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि सीबीआइ उनकी (कुणाल) जमानत का लगातार विरोध करती रही है, क्योंकि सीबीआइ को भय है कि मैं मामले को प्रभावित कर सकता हूं. लेकिन मित्रा के साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है. इधर, सीबीआइ अधिकारियों के बुधवार को जेल में कुणाल का बयान दर्ज किये जाने की बात भी सामने आयी है.
सीबीआइ के दो अधिकारियों ने करीब डेढ़ घंटे तक कुणाल से बातचीत की. ध्यान रहे कि विगत सोमवार को बैंकशाल कोर्ट में पेशी के दौरान उन्होंने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्र से सारधा कांड में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका पर सवाल उठाये थे. कहा था कि यदि सारधा मीडिया से किसी ने सबसे अधिक लाभ प्राप्त किया है तो वे ममता बनर्जी हैं. कुणाल ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री व मुकुल राय के खिलाफ उनके पास कुछ महत्वपूर्ण सुबूत हैं जो सीबीआइ की जांच में मददगार साबित हो सकती है. उनके दावों के बाद अदालत ने जेल में कुणाल का बयान दर्ज करने का निर्देश दिया था.
सुदीप्त से फिर होगी पूछताछ
करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड कांड के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन से इडी फिर पूछताछ कर सकती है. सूत्रों के अनुसार, देश व विदेशों में सारधा समूह की अन्य कई संपत्तियों का पता चला है. इस विषय में जानकारी हासिल करने के इरादे से ही सुदीप्त सेन से फिर पूछताछ हो सकती है. सुदीप्त से जेल में पूछताछ के लिए अर्जी दी गयी थी जिसे कोर्ट ने कर लिया था.