कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस को राष्ट्र नेता घोषित किये जाने की मांग पर आगामी 13 दिसंबर को शहीद मीनार में एक विशाल सभा का आयोजन किया जायेगा. इस सभा का आयोजक विवेक नामक सामाजिक संस्था करेगी, जिसके कर्णधार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाई कार्तिक बनर्जी हैं.
इस संबंध में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री बनर्जी ने कहा कि देश की आजादी में सबसे बड़ा योगदान महात्मा गांधी और नेताजी का है. आजादी के बाद महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के संबोधन से लेकर सभी प्रकार का सरकारी सम्मान मिला, पर आश्चर्यजनक रूप से नेताजी को सभी प्रकार के सरकारी सम्मान से वंचित कर दिया गया. हालांकि आजादी के 68 वर्षो बाद भी नेताजी सभी भारतीयों के दिलों में जिंदा हैं.
श्री बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने यह एलान किया था कि सत्ता में आने पर न केवल नेताजी को उचित सम्मान दिया जायेगा, बल्कि उनकी मौत पर छाये रहस्य को भी उजागर करेंगे, पर सरकार में आते भी नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के बोल बदल गये हैं. भाजपा सरकार भी अब नेताजी से संबंधित फाइल प्रकाशित करने से इनकार कर रही है. हमारी मांग है कि नेताजी को राष्ट्र नेता घोषित किया जाये और 23 जनवरी को उनकी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश का एलान हो. इसके लिए हम लोगों मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति तक को पत्र लिखा है. केंद्र पर दबाव डालने के लिए हम लोग 13 दिसंबर को शहीद मीनार में एक सभा का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें लाखों लोग शामिल होंगे. अगर सरकार ने हमारी मांग पूरी नहीं की तो दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी दिया जायेगा.
श्री बनर्जी ने दावा किया कि उनके इस आंदोलन का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. नेताजी के साथ बंगाल और बंगालियों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. इसलिए हम लोगों ने गैरसरकारी स्तर पर इस आंदोलन की शुरुआत की है. वकील व सामाजिक कार्यकर्ता जयदीप मुखर्जी ने कहा कि सभी सरकारों ने नेताजी के साथ भेदभाव किया है. गुजरात सरकार सरदार पटेल की विशाल मूर्ति बनवा रही है. हमारी मांग है कि महानगर में नेताजी की भी विशाल मूर्ति बनवायी जाये. अगर सरकार यह काम नहीं करती है तो लोगों से चंदा लेकर हम यह काम करेंगे. पत्रकार बच्चन सिंह सरल ने कहा कि नेताजी धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक थे. यही कारण है कि भारत के सभी धर्म व समाज की ओर से उन्हें हमेशा प्यार व सम्मान मिला है, पर सरकारी स्तर पर भी उनके सम्मान की व्यवस्था करनी जरूरी है.