कोलकाता: इनकांटीनेंसी यानी बार-बार पेशाब की लत,जो धीरे-धीरे बढ़ती जाती है और बाद में एक बीमारी के रूप में बदल जाती है. जागरूकता के अभाव में लोग इस बीमारी का इलाज नहीं कराते. इस रोग से खास कर महिलाएं प्रभावित होती हैं. इसकी चपेट में आयीं महिलाएं कई बार किसी सामाजिक कार्यक्रम से दूर रहना पसंद करती हैं.
यह कहना है यूरो- गाइनोलॉजिस्ट डॉ मल्लिनाथ मुखर्जी का. वह शुक्रवार को महानगर के प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि इस बीमारी के विषय में जागरूकता फैलाने के लिए 26 से 30 जून तक इंनकाटीनेंसी वीक के रूप में मनाया जाता है.
डॉ मुखर्जी ने बताया कि बदलती जीवनशैली व विभिन्न प्रकार की नशे की लत की वजह से महिलाएं इस बीमारी के चपेट में आ रही हैं. इसके अलावा बढ़ते उम्र, मोटापा व मधुमेह के कारण महिलाओं को यह बीमारी अपना शिकार बनाती है. पुरुषों की अपेक्षा इनकांटीनेंसी से महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा होती है.