कोलकाता: तीन घंटे में एक महिला का वजन 77 किलो से 59 किलोग्राम हो गया. यह किसी स्लिमिंग सेंटर का विज्ञापन नहीं और न ही कॉस्मेटिक अथवा बेरियाट्रिक सजर्री का कोई कमाल है, बल्कि यह कारनामा कोलंबिया एशिया अस्पताल के कंसल्टेंट ऑबस्ट्रिशियन व गायनाकोलिजस्ट डॉ एमएमएस जोहा एवं उनकी टीम ने कर दिखाया है, जिन्होंने एक 55 वर्षीय अध्यापिका का ऑपरेशन कर उनके पेट से 18 किलो वजन के एक विशाल सिस्ट को निकालने में सफलता पायी. डॉ जोहा का दावा है कि महानगर में इससे पहले इतना बड़ा ओबेरियन सिस्ट सजर्री का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
लगभग छह शिशु के वजन के बराबर यह सिस्ट शरीर में काफी दिनों से था, पर इससे मरीज को न तो कोई दर्द होता था और न ही किसी प्रकार की दिक्कत का सामना करना पड़ा था. महिला ने बताया कि पेट बड़ा होने के अलावा उन्हें कोई तक्लीफ नहीं थी. उन्हें लग रहा था कि देखभाल के अभाव में पेट निकल आया है. अचानक शरीर में कई प्रकार की तकलीफ होने पर उन्होंने डॉक्टर के साथ संपर्क किया. जिनके परामर्श पर की गयी अल्ट्रासोनोग्राफी में पता चला कि पूरे पेट में विशाल आकृति के एक सिस्ट ने दिल और फेफड़े को दबाना शुरू कर दिया है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो रही है. सिस्ट के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कई प्रकार के परीक्षण किये गये. इसका एकमात्र इलाज ऑपरेशन था, क्योंकि सिस्ट सीने के लगभग बीच तक पहुंच गया था. डॉक्टरों ने काफी मेहतन व दक्षता के साथ शरीर के अन्य अंगों को बचाते हुए इस विशाल सिस्ट को उसी हालत में बाहर निकाला.
डॉ जोहा एवं उनकी टीम ने तुरंत सिस्ट का फ्रोजन सेक्शन बायोप्सी किया, जिससे पता चला कि उसमें कैंसर का कोई अंश नहीं है. डॉक्टरों द्वारा सिस्ट का हिस्टोपैथोलोजी किये जाने पर पता चला कि आमतौर पर एंडोमेट्रिओसिस होने पर इस तरह का सिस्ट होने की संभावना रहती है. ऑपरेशन के बाद रोगी की हालत सामान्य है. कुछ दिनों में ही उन्हें अस्पताल से छोड़ दिया जायेगा. डॉक्टरों ने उन्हें तीन महीने तक सावधानी बरतने की हिदायत दी है.