कोलकाता: हॉकर संग्राम कमेटी ने आरोप लगाया है कि पुलिस व कोलकाता नगर निगम के कुछ लोग अवैध रूप से शहर से हॉकरों को हटाने की साजिश रच रहे हैं. हॉकर संग्राम कमेटी के महासचिव शक्तिमान घोष ने बताया कि पिछले दिनों रात के अंधेरे में गरफा इलाके में पुलिस ने हॉकरों को ताकत के बल पर हटा दिया. महिला हॉकरों के साथ मारपीट की गयी.
15 हॉकरों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से दो अभी तक जेल में हैं. श्री घोष ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट यह फैसला दे चुका है कि देश के किसी भी हिस्से में हॉकरों का उच्छेद नहीं किया जायेगा. इसके बावजूद किस तरह पुलिस एवं निगम ने गरफा से हॉकरों को हटाया है, जबकि वह जमीन निगम की नहीं केएमडीए की है और शहरी विकास मंत्री स्वयं उस जगह पर हॉकरों के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दे चुके हैं. श्री घोष ने बताया कि मुख्यमंत्री व शहरी विकास मंत्री को अंधेरे में रख कर यह अभियान चलाया गया है. इसका मकसद हॉकरों को सरकार के विरोध में खड़ा करना है.
श्री घोष ने मांग की कि जो भी अधिकारी इस अवैध हॉकर उच्छेद अभियान के दोषी हैं, उन्हें फौरन बर्खास्त किया जाये और गिरफ्तार हॉकरों को बगैर शर्त रिहा की जाये. उन्होंने बताया कि 1996 में हॉकरों के खिलाफ चलाये गये ऑपरेशन सनसाइन की याद में हम लोग 24 नवंबर को प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी काला दिवस मनायेंगे. राज्यपाल को एक ज्ञापन देकर केंद्र से यह मांग करेंगे कि केंद्र सभी राज्यों को हॉकरों के लिए एक मॉडल नियम तैयार करने के लिए कहे. साथ ही राज्य सरकार से यह मांग करेंगे कि पिछली केंद्रीय सरकार ने जो हॉकर नीति तैयार की थी, उसे फौरन राज्य में लागू किया जाये.