कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद और सारधा घोटाला मामले में आरोपी कुणाल घोष ने आज प्रेसीडेंसी सुधार गृह में नींद की गोलियों का सेवन कर कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश की. पश्चिम बंगाल सुधारगृह सेवा मंत्री एच ए स्वाफी ने यह जानकारी दी. घोष को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया […]
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद और सारधा घोटाला मामले में आरोपी कुणाल घोष ने आज प्रेसीडेंसी सुधार गृह में नींद की गोलियों का सेवन कर कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश की. पश्चिम बंगाल सुधारगृह सेवा मंत्री एच ए स्वाफी ने यह जानकारी दी. घोष को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सारधा घोटाले के सिलसिले में पिछले साल गिरफ्तार किये जाने के बाद से ही घोष प्रेसीडेंसी सुधार गृह में बंद हैं.उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने धमकी दी थी कि अगर सीबीआई ने घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो वह आत्महत्या कर लेंगे.
पश्चिम बंगाल सुधारगृह सेवा मंत्री एच ए स्वाफी ने बताया कि घोष ने कहा कि उन्होंने नींद की गोलियों का सेवन किया है. उन्हें सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां डॉक्टर उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं.
मंत्री ने बताया डॉक्टर को बुलाया गया जिन्होंने पाया कि सब कुछ सामान्य है. लेकिन ऐहतियात के तौर पर हमने कोई खतरा मोल नहीं लिया और उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. एसएसकेएम के निदेशक प्रदीप मित्रा ने बताया कि घोष की हालत खतरे से बाहर है.
पहले दी थी खुदकुशी की धमकी
टीएमसी सांसद कुणाल घोष ने पहले ही खुदकुशी की धमकी दे दी थी.सारधा घोटाले के आरोपी कुणाल घोष ने सोमवार को धमकी दी कि सीबीआइ ने यदि शामिल व्यक्तियों के खिलाफ तीन दिन के भीतर उचित कार्रवाई नहीं की तो वह आत्महत्या कर लेंगे. घोष ने यह धमकी तब दी जब उन्हें यहां की एक स्थानीय अदालत में एक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया.
तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद ने अदालत में मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्र से कहा, ‘जांच प्रभावित की जा रही है. यह स्वीकार नहीं कि मैं जेल में रहूं और इसमें शामिल खुले घूमेंगे. मैं तीन दिन का समय दे रहा हूं, यदि कार्रवाई नहीं की गई तो मैं आत्महत्या कर लूंगा.’
पहले की सुनवाई के दौरान तृणमूल कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेताओं पर घोटाले से लाभ अर्जित करने के आरोप लगा चुके घोष ने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इन तीन दिनों के दौरान मेरे किसी भी रिश्तेदार या मेरे वकील को मुझसे मुलाकात की इजाजत नहीं दी जाये नहीं तो मैं प्रभावित हो सकता हूं.’ पेशे से पत्रकार एवं सारधा समूह कंपनी बंगाल मीडिया लिमिटेड के पूर्व सीइओ घोष ने दावा किया कि सीबीआइ ने बंगाल मीडिया की उन्हें दिखायी फाइलों तथा उनके द्वारा बताये गये नामों पर कोई कार्रवाई नहीं की.