कोलकाता: उत्तराखंड में केदारनाथ के गौरीकुंड के पास फंसे बंगाल के लगभग 50 से 80 लोगों का जत्था 24 घंटे पैदल चल कर गुरुवार को बदहाल हालत में सुरक्षित टिहरी पहुंचा. यह जत्था ऋषिकेश होते हुए कोलकाता लौटेगा.
इन पर्यटकों में भाटपाड़ा के अंचित भट्टाचार्य, शुभाशीष भट्टाचार्य, संजय भट्टाचार्य सहित रायगंज, उत्तर दिनाजपुर व मालदा के लोग शामिल हैं. टेहरी में राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्र व योजना क्रियान्वयन मामलों के मंत्री रछपाल सिंह ने इनकी अगवानी की. टिहरी से पर्यटकों को ऋषिकेश के लिए रवाना किया. रछपाल सिंह ने उत्तराखंड से फोन पर प्रभात खबर को बताया कि पर्यटकों के इस जत्थे ने काफी हिम्मत दिखायी. वे लगभग 12 से 14 किलोमीटर पैदल चल कर सीतापुर पहुंचे. वहां से वे 24 घंटे में टेहरी पहुंचे.
इनके पास रुपये-पैसे नहीं हैं. इनकी हालत काफी खराब है. एक-एक रोटी 40-50 रुपये में बिक रही है. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से चार शिविर लगाये गये हैं. ये राहत शिविर देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार व दिल्ली में हैं. बांग्ला भाषा में माइक से प्रचार किया जा रहा है. फंसे हुए पर्यटकों को खाना, पानी, दवा व हर संभव सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. हावड़ा व सियालदह जाने वाली ट्रेनों में रेलवे बोर्ड से अनुरोध कर अतिरिक्त बोगियां जुड़वायी गयी हैं.
जिन लोगों की आरक्षण तिथि बीत गयी है, उनके लिए आरक्षण की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि बंगाल के कुछ लोग ट्रैकिंक के लिए केदारनाथ गये थे. वे अभी भी फंसे हुए हैं. लगभग 10 किलोमीटर का रास्ता पूरी तरह से नष्ट हो गया है. उन लोगों को हेलीकॉप्टर से बाहर निकालने की व्यवस्था की जा रही है. शुक्रवार तक उन्हें वापस निकाल लिया जायेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या बंगाल के किसी पर्यटक के निधन की सूचना मिली है. उन्होंने कहा कि अभी लोग विभिन्न इलाकों में फंसे हैं. राहत कार्य चल रहा है. मृतकों की सूची अभी तक नहीं मिल पायी है.