कोलकाता: कोल इंडिया की अनुषंगी इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) ने अगले चार साल में 1000 से 1100 करोड़ रुपये के निवेश से भूमिगत खनन से 90 लाख टन से एक करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
कंपनी का मौजूदा उत्पादन 70 लाख टन है और 90 लाख टन से एक करोड़ टन का उत्पादन लक्ष्य हासिल करने के लिए इसीएल को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में उसकी झांजरा खान में लांगवाल खनन प्रौद्योगिकी एक अहम भूमिका अदा करेगी.
इसीएल के महाप्रबंधक व सीएमडी के तकनीकी सचिव नीलाद्रि राय ने बताया कि अगले चार साल में भूमिगत कोयला उत्पादन सालाना 90 लाख-एक करोड़ टन पहुंचने की उम्मीद है. इस पर करीब 1000-1100 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किये जाने का अनुमान है.
इसीएल खुले खदानों से सालाना तीन करोड़ टन कोयले का उत्पादन करती है. उन्होंने कहा कि लांगवाल खनन पैकेज के लिए ठेका पहले ही दिया जा चुका है और फैब्रिकेशन का काम चल रहा है. श्री राय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इसे साल के अंत तक लागू कर दिया जायेगा. लांगवाल परियोजना पर करीब 350-400 करोड़ रुपये की लागत आयेगी और इससे हमें झांजरा खान में भूमिगत कोयला उत्पादन दोगुना कर 30 लाख टन पहुंचाने में मदद मिलेगी.