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वैकल्पिक वामपंथ की जरूरत

बंगाल में लूट और आतंक का राज कायम हो गया है कोलकाता : भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने राज्य में वैकल्पिक वामपंथी शक्ति की जरूरत पर बल दिया है. उन्होंने कहा : अब राज्य में तृणमूल और भाजपा के ध्रूवीकरण की बात की जा रही है. यह काफी खतरनाक स्थिति है. दोनों […]

बंगाल में लूट और आतंक का राज कायम हो गया है
कोलकाता : भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने राज्य में वैकल्पिक वामपंथी शक्ति की जरूरत पर बल दिया है. उन्होंने कहा : अब राज्य में तृणमूल और भाजपा के ध्रूवीकरण की बात की जा रही है. यह काफी खतरनाक स्थिति है. दोनों विकल्पों में से जनता के लिए कोई भी सही नहीं. ऐसे वक्त में वैकल्पिक वाम शक्ति की जरूरत है. उसके उत्थान के बिना जनता के हितों की रक्षा नहीं हो सकती.
राज्य में बंद कल-कारखानों को खोलने, चाय बागान श्रमिकों की भुखमरी के विरोध में, सारधा घोटाले से जुड़े नेताओं की गिरफ्तारी की मांग तथा यादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र से उत्पीड़न व पुलिस हमले के विरोध में विभिन्न संगठनों व पार्टियों के मंच, ‘गणमंच’ की ओर से आयोजित सभा में श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बंगाल में लूट और आतंक का राज कायम है. सरकार को अपनी क्षमता पर घमंड हो गया है, लेकिन जनता उसके इस घमंड को चूर कर सकती है.
औद्योगिकीकरण के लिए पहले बंद कारखानों को खोलना होगा. चाय बागानों में 95 रुपये की मजदूरी मिलती है. ऐसे में वहां के श्रमिकों को मौत के मुंह में धकेलने का साजिश रची जा रही है. तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की फेसबुक पर आंदोलनकारी छात्रों के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि अपमानजनक बातें कहना कुछ नेताओं की संस्कृति होती है.
लोगों के प्रतिवाद से वह डरते हैं. बंगाल में दुर्गा पूजा की धूम भले ही हो लेकिन यह वक्त आंदोलन का होना चाहिए. श्री भट्टाचार्य ने केंद्रीय गृह मंत्री को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह पुलिस से मानवाधिकार भूलने की बात कहते हैं. क्या यह लोकतंत्र है.

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