कोलकाता: राज्य की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों व राज्य चुनाव आयोग द्वारा नामांकन दाखिले के दौरान हो रहे हिंसक घटनाओं को आखिरकार पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने स्वीकार कर लिया. शुक्रवार को संवाददाताओं के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिलों में नामांकन पत्र दाखिले को लेकर हिंसा जारी है, लेकिन विरोधी पार्टी नेता भी गलतफहमी का शिकार हो रहे हैं.
अगर किसी भी पार्टी के नेता को नामांकन भरने से रोका जा रहा है तो वह अपना नामांकन पत्र लेकर स्थानीय थाने में जायें और पुलिस को साथ लेकर अपना नामांकन पत्र दाखिल करें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिला पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश दे दिया है, अगर कोई उम्मीदवार नामांकन पत्र लेकर उनके पास जाता है तो कड़ी सुरक्षा के बीच उनका नामांकन पत्र दाखिल कराया जाये.
उन्होंने कहा कि नामांकन दाखिल करनेवाले लोग भी पुलिस स्टेशन जाने की बजाय राजनीतिक पार्टी के नेताओं व प्रेस के पास जा रहे हैं, लेकिन उनका नामांकन पत्र पुलिस ही जमा करा पायेगी. गौरतलब है कि गुरुवार को राज्य चुनाव आयोग की आयुक्त मीरा पांडे ने आरोप लगाया था कि विरोधी पार्टियों के उम्मीदवारों को नामांकन भरने नहीं दिया जा रहा है.
वहीं, पंचायत मंत्री के इस बयान को लेकर राजनीतिक महल में हड़कंप का माहौल है, क्योंकि अभी यहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार है, इसलिए पुलिस भी अभी रूलिंग पार्टी की ही बात सुनेगी. ऐसे में विरोधी पार्टी का कोई उम्मीदवार नामांकन कराने का आवेदन लेकर वहां जाता है तो उसके नामांकन पत्र को लेकर पुलिस वहां जायेगी या नहीं, इसे लेकर भी अभी संशय का माहौल है.