कोलकाता : चाय बागानों में कुपोषण से कोई मौत नहीं हुई है. ये सभी मौतें प्राकृतिक थीं. यह दावा किया है भारतीय टी बोर्ड के चेयरमैन सिद्धार्थ ने. संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि मीडिया में कुपोषण से मौत की खबरें गलत हैं.
वहां एक छोटे बच्चों व 65 वर्षीय वृद्ध की मौत हुई है. दोनों ही मौतें प्राकृतिक हैं. इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से भी उन्होंने बात की है.
उनकी ओर से भी यह रिपोर्ट दी गयी है कि कुपोषण से कोई मौत नहीं हुई. ये मौतें ऐसी हैं, जैसी हजारों लोगो के एकसाथ किसी सुदूर जगह पर रहने से किसी की हो सकती है.
बंद चाय बागानों को खोलने के मुद्दे पर उनका कहना था कि इस बारे में 15 दिनों में राज्य सरकार से उनकी बात होगी.
चर्चा की जायेगी कि भविष्य में इन चाय बागानों को लेकर और कोई समस्या न हो. इन्हें खोलने की दिशा में कानून को बड़ी बाधा बताते हुए सिद्धार्थ का कहना था कि कानून में इसे लेकर सबकुछ साफ नहीं है. ऐसी एक सोच थी कि बंद चाय बागानों को दूसरे उद्यमी के हाथों में सौंप दिया जाये.
लेकिन उसे कैसे किया जाये, इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है. उन्होंने बताया कि देश भर में कुल आठ चाय बागान बंद हैं, जिनमें से पांच बंगाल में ही हैं. कानून में बदलाव के लिए केंद्र सरकार को भी स्थिति से अवगत कराया गया है.