कोलकाता: करोड़ों रुपये के सारधा घोटाले में सीबीआइ कुछ बेहद प्रभावशाली लोगों के हाथ होने की सच्चई जानने के लिए सबूत जुटाने में लगी हुई है. इस बीच, कांग्रेस के एक पार्षद ने राज्य के इस सबसे बड़े घोटाले में कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी की गिरफ्तारी की मांग की है.
29 नंबर वार्ड के कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने सीबीआइ व इडी से इस मामले में मेयर की भूमिका की जांच करने व उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है. मंगलवार को श्री उपाध्याय ने सॉल्टलेक स्थित सीबीआइ व इडी के दफ्तरों में जा कर दोनों विभागों के आला अधिकारियों के साथ मुलाकात की. कांग्रेस पार्षद ने उन्हें कुछ दस्तावेज भी सौंपे. श्री उपाध्याय ने बताया कि 455, डायमंड हार्बर रोड से सारधा ग्रुप को 43 ट्रेड लाइसेंस जारी किये गये थे. इसका मतलब यह है कि उस परिसर से सारधा ग्रुप की 43 कंपनियां काम कर रही थीं, पर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से मिले तथ्य कुछ और कहते हैं.
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के अनुसार 455, डायमंड हार्बर रोड परिसर में सारधा के 116 व्यवसाय चल रहे थे. अब सवाल यह उठता है कि क्या बाकी के 73 व्यवसाय ट्रेड लाइसेंस के बगैर ही चल रहे थे या बाकी ट्रेड लाइसेंस की बात को छिपा कर रखा गया है. श्री उपाध्याय का कहना है कि मेयर इस मुद्दे पर किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं. निगम के मासिक अधिवेशन में भी मेयर इस सवाल को टाल जाते हैं, इसलिए सीबीआइ और इडी इस विषय में मेयर को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ करें. दूसरी तरफ, मेयर शोभन चटर्जी कांग्रेस पार्षद के इन आरोपों को अहमियत देने के लिए भी तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस पार्षद के आरोप इतने बेतुके हैं कि वह उनका जवाब देना भी चाहते हैं.