कोलकाता : सत्यजीत राय की सुपरहिट फिल्म ‘चारुलाता’ में शानदार भूमिका निभानेवाली बंगाली अभिनेत्री माधवी मुखर्जी ने भारतीय जनता पार्टी से किसी भी तरह से संबंध होने से गुरुवार को इनकार किया है.
इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें बांग्ला फिल्म उद्योग के एक संगठन का समर्थन करने के लिए गुमराह किया गया था. उन्हें बाद में पता चला कि वह संगठन भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हुआ है. इसके बाद उन्होंने उससे अपना नाता तोड़ लिया है.
77 वर्षीय अभिनेत्री एक वीडियो के बाद विवादों में घिर गयीं, जिसमें उन्हें नवगठित बंगीय चलचित्र परिषद (बीसीपी) का समर्थन करते हुए देखा गया, जो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. वीडियो में, माधवी मुखर्जी को यह कहते हुए सुना गया कि वह आनेवाले वर्षों में बीसीपी को अपना सारा समर्थन देंगी, क्योंकि यह सिने कलाकारों और तकनीशियनों के लिए काम कर रहा था.
माधवी ने कहा है : दो लोग, मेरे निवास पर आये थे. उनमें से एक फिल्म निर्देशक हैं. उन लोगों ने मुझसे अनुरोध किया कि मैं बीसीपी का हिस्सा बनूं. उन्होंने दावा किया, तकनीशियनों और कलाकारों कि समस्याओं के समाधान के लिए यह संगठन काम करेगा. मुझे यह विचार पसंद आया, इसलिए मैंने कहा था कि मैं संगठन का समर्थन करूंगी. उन्होंने तब मुझे एक कागज के टुकड़े पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, जो मैंने बिना सामग्री पढ़े किया.
उन्होंने मुझे इसकी एक प्रति दी और वहां से चले गये. उसके बाद मुझे मीडिया के जरिये पता चला कि यह भारतीय जनता पार्टी का अनुषांगिक संगठन था. मेरे भाजपा में भी शामिल होने की अटकलें तेज हो गयी थीं. मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मेरा ना तो भाजपा से कोई लेना-देना है और ना ही उसमें जाने का कोई इरादा है. माधवी मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने निर्णय लिया है कि वह बीसीपी का भी समर्थन नहीं करेंगी.