नगर निगम, नगरपालिका बोर्ड भंग होने से प्रशासन के समक्ष चुनौती
आसनसोल : आसनसोल नगर निगम और कुल्टी नगरपालिका में निर्वाचित बोर्ड की कार्यावधि समाप्त होने तथा अतिरिक्त जिलाशासक अमित दत्त के प्रशासक बनने के बाद पहली बार प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष चुनौती मिली है कि वे स्थानीय शासी निकायों का संचालन राजनेताओं से बेहतर कर के दिखाएं.
इस चुनौती को स्वीकार करते हुए ही बर्दवान के जिलाशासक डॉ सोमित्र मोहन ने शुक्रवार को कथा हॉल मे ं नगर निगम तथा नगरपालिका से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की. उन्होंने दोनों निकायों के लिए प्राथमिकताएं तय की तथा उनके क्रियान्वयन की प्रक्रिया पर चर्चा की.
बैठक में अतिरिक्त जिलाशासक सह नगर निगम व नगरपालिका के प्रशासक अमित दत्त, महकमाशासक अमिताभ दास, चीफ मेडिकल ऑफिसर ऑफ हेल्थ (सीएमओएच) डॉ मणिकंचन साहा, डिप्टी मजिस्ट्रेट रतन मजूमदार, संजय पाल के साथ दोनों शासी निकायों के अधिकारी मौजूद थे. जिलाशासक डॉ मोहन ने कहा कि आसनसोल नगर निगम तथा कुल्टी नगरपालिका का व्यापक दायरा है तथा इन क्षेत्रों में लाखों की आबादी निर्भर करती है. बोर्ड भंग हो जाने के बाद इन शासी निकायों के संचालन की जिम्मेवारी प्रशासक (प्रशासन) की है.
इस स्थिति में नागरिक सुविधाओं को बरकरार रखने की मुख्य समस्या है. इन दोनों शासी निकायों से विभिन्न कार्यो का निष्पादन होता है. उन कार्यो को बखूबी जारी रखना होगा तथा सभी विभागीय कार्य समय पर तथा बिना किसी गड़बड़ी के पूरे करने होंगे. उन्होंने बैठक में 25 सूत्री प्राथमिकताएं रखी. उन्होंने कहा कि बरसात में सफाई पर मुख्य जोर होना चाहिए तथा कोशिस यह हो कि हर घर से कू ड़ा संग्रह किया जाये. उसे केंद्रित रूप से निष्पादित किया जाये. उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा, कल्याण कारी योजना तथा विभिन्न विभागों की विकास योजनओं चल रही है. इन योजनाओं को नियमित रूप से जारी रखना होगा तथा इनके निमित्त जारी फंड की भी नियमित समीक्षा जरूरी है. इन योजनाओं को प्रभावी रूप से चलाने के लिए उन्होंने राजस्व बढ़ाने पर जोर दिया.
नागरिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न तरह की अनुमति तथा लाईसेंस जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की जरूरत है. इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम काफी प्रभावी हो सकता है तथा इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जनता को केंद्र में रख कर कार्य होना चाहिए. उन्होंने कई विभागीय दिशा निर्देश भी दिये. उन्होंने कहा कि परेशानी होने पर वरीय अधिकारियों से दिशा निर्देश लिया जाना चाहिए.