कोलकाता: सरकारी अस्पतालों का स्तर बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले मशहूर डॉक्टरों की मदद लेगा. स्वास्थ्य विभाग नामचीन डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों का सलाहकार बनाने पर विचार कर रहा है.
राज्य सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय टास्क फोर्स में डॉ सुकुमार मुखर्जी, डॉ सुब्रत मित्र व डॉ त्रिदीब बनर्जी जैसे डॉक्टरों को शामिल किये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जनरल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ मणि छेत्री, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ गौतम खस्तगीर व डेंटल सजर्न डॉ श्रीजन मुखर्जी जैसे नामचीन डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों का सलाहकार नियुक्त करने का फैसला किया है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव पार्थजीत बनर्जी ने एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है.
श्री बनर्जी ने बताया कि ये डॉक्टर अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं. हम लोगों ने उन्हें एसएसकेएम व मेडिकल कॉलेज अस्पताल का मानद सलाहकार बनाने का फैसला किया है. किसी मरीज की स्थिति बेहद गंभीर होने पर एसएसकेएम अस्पताल व मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर उनसे संपर्क कर उनकी राय लेंगे. डॉ छेत्री व डॉ खस्तगीर वर्षो तक एसएसकेएम के साथ जुड़े रहे हैं, जबकि डॉ मुखर्जी वर्षो तक मेडिकल कॉलेज में काम कर चुके हैं. इन अस्पतालों के साथ उनका भावनात्मक लगाव है. एक अधिकारी ने बताया कि डॉ खस्तगीर एक विख्यात स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ-साथ इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) विशेषज्ञ भी हैं. वह एसएसकेएम के डॉक्टरों को आइवीएफ के इलाज में रास्ता दिखायेंगे.
दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के इस फैसले से एसएसकेएम अस्पताल के कई सीनियर डॉक्टर नाराज हैं. उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को एसएसकेएम अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों पर अधिक भरोसा नहीं है.