कोलकाता : इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य के 19 मंत्री सहित 88 विधायकों के विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां तृणमूल कांग्रेस वोट प्राप्त करने के मामले में पिछड़ गयी है. इन क्षेत्रों में भाजपा को बढ़त मिली है. अल्पसंख्यक समुदाय बहुल इलाके वाले करीब 23 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां भाजपा वोट प्राप्त करने के मामले में आगे रही है.
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राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कब्जेवाले 88 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को मिली बढ़त
कोलकाता : इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य के 19 मंत्री सहित 88 विधायकों के विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां तृणमूल कांग्रेस वोट प्राप्त करने के मामले में पिछड़ गयी है. इन क्षेत्रों में भाजपा को बढ़त मिली है. अल्पसंख्यक समुदाय बहुल इलाके वाले करीब 23 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां भाजपा वोट प्राप्त करने के […]
गत विधानसभा चुनाव में एक ही अल्पसंख्यक समुदाय बहुल इलाका था, जहां भाजपा ने ज्यादा वोट प्राप्त किया था. जानकारों का कहना है कि राज्य के 125 विधानसभा क्षेत्र हैं जहां अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े लोगों की आबादी ज्यादा है.
इन सभी इलाकों में भाजपा ने प्रभाव बढ़ाना शुरू किया है. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय बहुल 23 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा वोट प्राप्त करने के मामले में आगे रही है. इस बार राज्य में मुख्य लड़ाई तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच रही है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान वाममोर्चा को हुआ है.
इस बार लोकसभा चुनाव में वाममोर्चा के जीते 11 विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा उम्मीदवारों ने ज्यादा वोट प्राप्त किया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने 17 विधानसभा क्षेत्रों पर ज्यादा वोट प्राप्त किया, जहां गत विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.
कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां इस बार हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवारों को मिलने वाले वोट का अंतर महज एक से तीन हजार वोट रहा. इनमें भवानीपुर, खड़दह, नैहाटी, नोआपाड़ा, चांपदानी, मानिकतला, बाली, झाड़ग्राम, कटवा समेत अन्य कई विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.
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