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कई जेलों में कैदियों को महीनों से नहीं मिल रही मजदूरी

कोलकाता: उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों को जेल में काम के बदले मिलने वाले रुपये उनके हाथों में मिलना एक सपना सा बन गया है. महानगर के कुछ जेलों की बात करें तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आयेंगे. जेल सूत्रों के मुताबिक महानगर के दमदम सेंट्रल जेल, अलीपुर सेंट्रल जेल व अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल […]

कोलकाता: उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों को जेल में काम के बदले मिलने वाले रुपये उनके हाथों में मिलना एक सपना सा बन गया है. महानगर के कुछ जेलों की बात करें तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आयेंगे. जेल सूत्रों के मुताबिक महानगर के दमदम सेंट्रल जेल, अलीपुर सेंट्रल जेल व अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल का यह हाल है. यहां जेलों में काम करने वाले उम्रकैद के कैदियों को महीनों से इनकी मजदूरी नहीं मिल रही. आलम यह है कि किसी जेल में इसकी सीमा 16 महीने तो किसी जेल में आठ महीने से बकाया है. जिसके कारण कैदियों में इसे लेकर काफी रोष व्याप्त है. हाल ही में कैदियों में वरिष्ठ अधिकारियों के सामने इस रोष को व्यक्त भी किया. जिसके बाद उनके इस गुस्से की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गयी.

क्या है मामला

जेल सूत्रों के मुताबिक महानगर के जेलों में उम्रकैद की सजा पाने वाले कैदियों को रोजाना जेल में काम करने की मजदूरी मिलती है. मास स्किल, सेमी स्किल और स्किल के हिसाब से काम करने वाले मजदूरों को रोजाना 26, 30 और 35 रुपये के हिसाब से मजदूरी मिलती है. आम तौर पर सरकारी आंकड़े को नजर में रखा जाय तो इन्हें दिया जाने वाला यह रुपये इनके काम के लिए काफी नहीं है. लेकिन फिर भी इन रुपये से जेलों में बंद कैदी अपने परिवार के सदस्यों की मदद के लिए घर भेजते है. लेकिन जेलों में इनसे रोजाना मजदूरी तो करायी जा रही है, लेकिन गत एक वर्ष से डेढ़ वर्ष तक इन्हें रुपये नहीं दिया जा रहा. जिसके कारण मौजूदा समय में जेलों में प्रत्येक कैदियों का सरकार के पास 40 से 45 हजार रुपये बकाया हो गया है.

कितना है बकाया

जेल सूत्रों के मुताबिक दमदम जेल में इस तरह के कैदियों की संख्या काफी ज्यादा है. यहां गत 16 महीने से कैदियों को मजदूरी के रुपये नहीं मिल रहे. इसके कारण कैदियों का सरकार के पास कुल बकाये राशि की रकम डेढ़ करोड़ से ज्यादा है. जबकि अलीपुर सेंट्रल जेल में गत आठ महीने से रुपये बकाया है. इस लिहाज से यहां कुल 40 से 50 लाख रुपये कैदियों का बकाया पड़ा है. जबकि अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल में गत 12 महीने से कैदियों की मजदूरी बकाया है. इस लिहाज से इनके पास कैदियों का 70 से 80 लाख रुपया बकाया है.

क्यों नहीं मिल रहे रुपये

जेलों में काम करने वाले अधिकारी बताते है कि जेल फंड में रुपये की कमी के कारण इस तरह की किल्लत सामने आयी है. राज्य के गृह सचिव को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी गयी है. उम्मीद है कि जल्द हीं इस समस्या का समाधान कर लिया जायेगा.

क्या कहते हैं जेल मंत्री

राज्य के जेल मंत्री हैदर अजीज साफवी ने इस मामले पर बताया कि जेलों में पर्याप्त फंड की कमी के कारण इस तरह की समस्या सामने आयी है. सरकार के सामने इस तरह की समस्या की बात सामने आने पर इसके निपटारे के लिए विचार किया गया. हाल ही में विधानसभा में पेश किये गये जेल बजट में इस समस्या को रखा गया था. इसके लिए अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराये गये है. वह फंड जेल फंड में आने के बाद हीं इस समस्या को जल्द सुलझा लिया जायेगा.

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