कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से मां-माटी-मानुष की संवेदना को अपने पाले में करने के लिए भाजपा अपनी किसान ईकाइ को सामने ला कर आंदोलन की रणनीति बना रही है. पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों के साथ किस तरह नाइंसाफी […]
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से मां-माटी-मानुष की संवेदना को अपने पाले में करने के लिए भाजपा अपनी किसान ईकाइ को सामने ला कर आंदोलन की रणनीति बना रही है. पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों के साथ किस तरह नाइंसाफी कर रही है, इसका प्रमाण आलू की खेती करनेवाले किसानों की दुर्दशा को देखकर लगाया जा सकता है.
इन किसानों की दुर्दशा के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए भाजपा किसान मोर्चा के बैनर तले मार्च महीने के पहले हफ्ते में सिंगूर से लेकर आरामबाग तक जुलूस निकाला जायेगा. जुलूस में किसान मांग करेंगे कि राज्य सरकार आलू का समर्थन मूल्य घोषित करे, क्योंकि किसान दो रुपये किलो दर से आलू बेच रहे हैं और वही आलू खुले बाजार में 10 रुपये किलो बिक रहा है. लिहाजा किसान को अपनी फसल कम दाम पर बेचनी पड़ रही है. ऐसे में राज्य सरकार पर दबाव बनाने व किसानों की संवेदना लेने के लिए भाजपा ने यह कदम उठाया है.
कोलकाता. कोलकाता में प्रदूषित होती जा रही वायु की गुणवत्ता सुधारने के लिए बंगाल सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है. वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की मदद ली जायेगी. राज्य पर्यावरण विभाग की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार, कोलकाता में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में, राज्य के पर्यावरण विभाग ने यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रैथक्लाइड इंस्टीट्यूट फॉर फ्यूचर सिटीज (यूएसआइएफसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं.
यूएसआइएफसी ने प्रदूषण की समस्याओं से निपटने के लिए ग्लासगो और कई अन्य यूरोपीय शहरों में काम किया है. यह पहली बार होगा जब वे भारत में काम करेंगे. यह कोलकाता के लिए पंचवर्षीय योजना के साथ शुरू होगा. पर्यावरण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, एमओयू का मुख्य उद्देश्य कोलकाता की वायु गुणवत्ता की बढ़ती निगरानी तथा स्वच्छ और हरे विकल्पों के माध्यम से मानकों में सुधार के लिए रणनीति विकसित करने के लिए उचित और किफायती समाधानों की पहचान करना है. जल्द ही यूएफआइएससी की एक टीम इसका रोड मैप बनाने के लिए कोलकाता का दौरा करेगी.