कोलकाता: कल्याणी यूनिवर्सिटी के अधीनस्थ भक्तिनगर बीएड कॉलेज में अवैध तरीके से हुए दाखिले की जांच के लिए सरकारी जांच कमेटी की टीम वहां पहुंची और विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मुलाकात की.
हालांकि इस मामले में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है और उन्होंने यहां के छात्रों को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि छात्र व उसके अभिभावकों ने क्यों घूस देकर यहां दाखिला लिया.
गौरतलब है कि भक्तिनगर बीएड कॉलेज में करीब 39 छात्रों को योग्यताओं को ताक पर रख कर एडमिशन दिया गया है. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि यह उन छात्रों की गलती है, जिन्होंने पैसे देकर कॉलेज में दाखिला लिया है. वहीं, इस मामले को लेकर बुधवार को भक्तिनगर कॉलेज के छात्रों ने कल्याणी विश्वविद्यालय के कुलपति रतनलाल हंगलू से मिलने गये थे, लेकिन उन्होंने छात्रों से मिलने से इनकार कर दिया.
कॉलेज की छात्र रीता विश्वास का कहना है कि उसने दाखिले के लिए 10 लाख रुपये दिये थे. जानकारी के अनुसार, इस घटना के पक्ष में तृणमूल छात्र परिषद के अध्यक्ष शंकुदेव पांडा ने बुधवार को शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से मुलाकात की. परीक्षा के कंट्रोलर विमलेंदु विश्वास ने कहना है कि 2013-14 शिक्षा सत्र में कॉलेज में 100 सीट क्षमता होने के बाद भी 121 छात्रों को दाखिला मिला है. लेकिन इन छात्रों का दाखिला से संबंधित कोई भी पत्र कॉलेज में जमा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि यह मामला तब सामने आ पाया है, जब ये सभी 21 छात्र परीक्षा हॉल में बैठने की अनुमति मांग रहे थे और इन्हें बैठने नहीं दिया गया. गौरतलब है कि सात जुलाई को होनेवाली बीएड परीक्षा में 2013-14 के शिक्षा सत्र के 21 छात्रों का नाम परीक्षा में रजिस्टर नहीं हो पाया है, वहीं, कॉलेज ने नौ जून को 2014-15 शिक्षा सत्र के 30 छात्रों का नाम कथित अनियमितताओं के कारण रद्द कर दिया है.