कोलकाता : आज-कल महानगर के सरकारी अस्पताल किसी नयी बीमारी के इलाज को लेकर नहीं, बल्कि कुत्ते- बिल्लियों के उत्पाद के कारण चर्चा में हैं. अब तक नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनआरएस) में कुत्तों का ही आतंक था, लेकिन अब आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में बिल्लियां ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया है. दीगर की बात यह है कि अस्पताल में डायलिसिस के लिए भर्ती मरीज को बिल्ली ने काट लिया है.
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सरकारी अस्पताल में बिल्लियों का आतंक
कोलकाता : आज-कल महानगर के सरकारी अस्पताल किसी नयी बीमारी के इलाज को लेकर नहीं, बल्कि कुत्ते- बिल्लियों के उत्पाद के कारण चर्चा में हैं. अब तक नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनआरएस) में कुत्तों का ही आतंक था, लेकिन अब आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में बिल्लियां ने उपद्रव मचाना शुरू […]
यह घटना शुक्रवार रात आठ बजे की है. सपन इमरजेंसी बिल्डिंग के बेड नंबर 31 पर इलाजरत हैं . जब मरीज सपन चंदा सो रहा था, तभी बिल्ली दायीं हाथ की अंगुली को काट कर भाग गयी. इस बाबत अस्पताल के नर्स व डॉक्टरों से शिकायत करने पर मरीज की चिकित्सका की गयी. चिकित्सकों ने अनुसार सरकारी अस्पतालों में इंडोर वार्ड में आसानी से भोजन मिल पाने के कारण बिल्लियों की संख्या भी बढ़ रही है. वहीं, मरीजों को दिये जानेवाले भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब होती है. अधिकांश भर्ती मरीज खाने को थोड़ सा खाकर बेड़ के नीचे फेंक देते हैं. भोजन के लालच में बिल्लियां वार्ड में घुस आती हैं.
पशु चिकित्सकों के अनुसार जानवरों के इस आतंक से मुक्ति पाने के लिए अस्पताल प्रशासन तथा मरीजों दोनों को जागरूक होना पड़ेगा. प्रबंधन या तो अस्पताल के भोजन की गुणवत्ता में सुधार करे या पर्याप्त संख्या में कूड़ेदान की व्यवस्था करे, ताकि मरीजों अपने जूठन कूड़ेदान में डाल सकें.
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