– मधुपुर में था द्विजेन दा का पैतृक आवास
कोलकाता : प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायक तथा महालया की सुबह ‘जागो दुर्गा जागो, तुमि जागो…’ के अपने गीत से मां दुर्गा का आह्वान करने वाले द्विजेन मुखर्जी का सोमवार को साल्टलेक स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे. उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं. इसस पहले ममता मुखर्जी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त की थी और घोषणा की थी कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
द्विजेन मुखोपाध्याय का जन्म 12 नवंबर 1927 को हुआ था. वह विगत छह दशक से शास्त्रीय संगीत जगत से गहरे रूप से जुड़े हुए थे. उन्होंने अपने संगीत जीवन में बांग्ला व हिंदी के लगभग 1500 गीत गाये थे. 2010 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार तथा पद्मभूषण सम्मान दिया गया था.
2011 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने उन्हें बंग विभूषण सम्मान से सम्मानित किया था. पिछले कुछ वर्षों से श्री मुखर्जी वृद्धाजनित रोगों से पीड़ित थे. 12-13 दिन पहले श्री मुखोपाध्याय को एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह न्यूमोनिया व श्वांस से संबंधित रोग से पीड़ित थे. बाद में उन्हें उनका आवास ले जाया गया था. जहां आज सुबह उनका निधन हो गया.
उल्लेखनीय कि द्विजेन दा का झारखंड से भी गहरा लगाव था. वर्ष 1942 के आसपास मधुपुर में रहा करते थे. 1995 तक मधुपुर के बावनबीघा मुहल्ले में उनका आवास शांति निवास था, लेकिन बाद में मकान स्वामित्व का स्थानांतरण हो गया. कोठी बिक जाने के बावजूद वे अपनी इकलौती पुत्री व दामाद के साथ हर साल मधुपुर पहुंचते रहे हैं.