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सात लाख मृतकों के राशन कार्ड रद्द, पंचायतों व नगरपालिकाओं से मिली जानकारी के बाद उठाया कदम
कोलकाता : राज्य के खाद्य व वितरण विभाग ने पिछले तीन माह में लगभग सात लाख मृतकों के राशन कार्ड रद्द किये हैं. खाद्य विभाग ने इन राशन कार्डों पर राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी में दिये जा रहे दो रुपये किलो की दर पर चावल व गेंहूं आवंटित कर रहा था. लेकिन खाद्य विभाग की […]
कोलकाता : राज्य के खाद्य व वितरण विभाग ने पिछले तीन माह में लगभग सात लाख मृतकों के राशन कार्ड रद्द किये हैं. खाद्य विभाग ने इन राशन कार्डों पर राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी में दिये जा रहे दो रुपये किलो की दर पर चावल व गेंहूं आवंटित कर रहा था. लेकिन खाद्य विभाग की तत्परता के बाद मृतकों के लगभग सात लाख राशन कार्ड रद्द किये गये हैं.
खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि मृत व्यक्तियों के राशन कार्ड की पहचान की प्रक्रिया में और तेजी लायी जा रही है. और भी ऐसे राशन कार्ड का पता चलेगा और भविष्य में कई और राशन कार्ड रद्द किये जा सकते हैं. इस बाबत राज्य के शहरी व नगरपालिका और पंचायत विभाग की मदद मांगी गयी है. खाद्य मंत्री ने दोनों विभागों के मंत्री को पत्र देकर सहयोग मांगा है.
मौत होने पर विभाग को लौटाना होता है राशन कार्ड :
नियमानुसार यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है, तो उसके परिवार के सदस्यों को राशन कार्ड विभाग को लौटाना होता है. राशन कार्ड लौटाने के बाद ही पंचायत या नगरपालिका द्वारा मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया जाता है. यह कार्ड राशन डीलर के माध्यम से लौटाया जाता है. लेकिन खाद्य विभाग का मानना है कि राशन डीलर को मृतकों के राशन कार्ड की जानकारी मिलने के बावजूद इसकी जानकारी खाद्य विभाग को नहीं दी जाती है.
इस कारण मृतक के राशन कार्ड के बाबत पहले की तरह राशन आवंटित जारी रहता है. खाद्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि इसमें राशन डीलर के कुछ लोग जुड़े हुए हैं, क्योंकि मृतक के परिवार द्वारा उसके नाम से राशन उठाने का मामला बहुत ही कम है.लगभग तीन माह पहले खाद्य विभाग ने मृत व्यक्तियों की सूचना विभाग को नहीं मिलने को लेकर एक निर्देश जारी किया था और इसका फार्म तैयार किया गया है और यह फार्म विभिन्न अस्पताल, नर्सिंग होम, खाद्य केंद्र, नगरपालिका, पंचायत सहित अन्य विभागों को भेजा गया है.
यह प्रक्रिया जिलाधिकारी व नगरपालिका विभाग के माध्यम से भेजी गयी. विभिन्न संस्थाओं द्वारा भेजी गयी सूचना के आधार पर ही सात लाख ऐसे राशन कार्ड की पहचान हुई है, जिनके धारक की मृत्यु हो चुकी है और उसी तालिका के आधार पर मृतकों के राशन कार्ड रद्द किये गये हैं.
जारी रहेगा अभियान, रद्द हो सकते हैं और राशन कार्ड, बंगाल में 81 लाख राशन कार्ड रद्द
राज्य सरकार का दावा है कि 2011 के बाद राज्य सरकार ने नकली राशन कार्ड रद्द करने का जो अभियान शुरू किया है, केंद्र सरकार ने उसकी प्रशंसा की है. श्री मल्लिक के अनुसार खाद्य विभाग ने वाम मोर्चा शासन काल के दौरान के एक करोड़, 35 लाख नकली राशन कार्ड रद्द किये हैं. केंद्र सरकार के एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में 2012 से 2015 के बीच एक करोड़, 62 लाख नकली राशन कार्ड रद्द किये गये हैं. इनमें से 81 लाख राशन कार्ड पश्चिम बंगाल में रद्द किये गये हैं.
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