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माझेरहाट ब्रिज : छह बार बुलायी निविदा, पर नहीं हुई मरम्मत, भयावह स्थिति में भी वाहनों का आवागमन था जारी

भयावह स्थिति होने के बावजूद ब्रिज पर वाहनों का आवागमन था जारी कोलकाता : माझेरहाट ब्रिज की जर्जर अवस्था से राज्य सरकार भी भली भांति अवगत थी, क्योंकि ब्रिज की मरम्मत के लिए एक-दो बार नहीं, बल्कि छह बार निविदा बुलायी गयी थी, लेकिन छह बार निविदा बुलाये जाने के बाद भी ब्रिज का मरम्मत […]

भयावह स्थिति होने के बावजूद ब्रिज पर वाहनों का आवागमन था जारी
कोलकाता : माझेरहाट ब्रिज की जर्जर अवस्था से राज्य सरकार भी भली भांति अवगत थी, क्योंकि ब्रिज की मरम्मत के लिए एक-दो बार नहीं, बल्कि छह बार निविदा बुलायी गयी थी, लेकिन छह बार निविदा बुलाये जाने के बाद भी ब्रिज का मरम्मत कौन करेगा, यह तय नहीं हो पाया.
राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राइट्स ने वर्ष 2016 में ब्रिज की शक्ति व वहन क्षमता की जांच कर इसकी जल्द से जल्द मरम्मत करने का परामर्श दिया था. उसके बाद राज्य सरकार ने मरम्मत के लिए निविदा जारी करना भी शुरू किया, लेकिन काम कभी भी शुरू नहीं हुआ. जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अलीपुर डिवीजन ने ब्रिज के लिए छह बार निविदा जारी किया, लेकिन कोई भी कंपनी राज्य सरकार के शर्तों पर कार्य करने को तैयार नहीं हुई.
राज्य सरकार ने ब्रिज का मरम्मत कार्य एक महीने में खत्म करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन कोई भी कंपनी इसके लिए राजी नहीं हुई. कंपनियों का कहना था कि एक महीने में ब्रिज का पूरी तरह से मरम्मत नहीं किया जा सकता. गौरतलब है कि अंतिम बार लोक निर्माण विभाग ने 16 अप्रैल 2018 को इस पुल की मरम्मत के लिए टेंडर नोटिस जारी किया था, लेकिन इस बार निविदा ब्रिज की संपूर्ण मरम्मत के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ सड़क की ऊपरी सतह के मरम्मत के लिए निविदा बुलाई गई. लेकिन बारिश के सीजन से पहले तक इसे दुरूस्त नहीं किया जा सका. देश में पिछले कुछ समय से लगातार पुल हादसे हो रहे हैं और इनमें बड़ी संख्या में लोग मारे भी जा चुके हैं. कोलकाता में ही 2016 में एक बड़ा पुल हादसा हुआ था. यहां के गिरिशपार्क में एक निर्माणाधीन पुल 31 मार्च, 2016 को अचानक ढह गया था.
इस हादसे में 27 लोग मारे गए थे और 70 अधिक घायल हुए थे. 2.2 किमी लंबे पुल का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था और इसे 2010 तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन बार-बार समयसीमा को आगे बढ़ाया गया. खास बात ये थी कि इस पुल के भी निर्माण का ठेका हैदराबाद की आईवीआरसीएल नामक कंपनी को दिया गया था और यह कम्पनी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में प्रतिबंधित थी.
…घंटों तक मशक्कत करते रहे रोमियो, जूली और उसके साथी
कोलकाता : मंगलवार की शाम करीब 4.40 बजे माझेरहाट ब्रिज का एक हिस्सा धराशायी हो गया और कई लोग उसके चपेट में आ गये. राहत कार्य व तलाशी अभियान में कोलकाता पुलिस के आपदा प्रबंधन ग्रुप, दमकल विभाग के कर्मी और एनडीआरएफ के जवान जहां अपनी कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे, वहीं रोमियो, जूली और उसके साथियों ने भी टूटे ब्रिज के मलबे में ढूंढने के लिये अपनी तत्परता में कमी नहीं छोड़ी. जी हां, रोमियो, जूली और उसके चार साथी जैंगो, बिल्ला, मैक्स और रूबी जासूसी कुत्ते हैं, जिन्होंने कई घंटे खासी मशक्कत की.
शिफ्ट दर शिफ्ट रात भर करते रहे काम
एनडीआरएफ के एक जवान के अनुसार मंगलवार की शाम को करीब 7.30 बजे पहले रोमियो, जूली को घटनास्थल पर लाया गया. क्षतिग्रस्त मलबे के नीचे लोगों के फंसे होने की आशंका थी. उसके बाद उनके चार साथियों को भी लाया गया. काम पर लगते ही उन्होंने ब्रिज के टूटे हिस्से के दो जगहों पर सिग्नल भी दिया था. शिफ्ट दर शिफ्ट वे बुधवार की सुबह करीब 9.30 बजे तक तलाशी अभियान मेें जुटे रहे. यानी करीब 14 घंटे तक उन्होंने अपने काम मेें कोई कसर नहीं छोड़ी.
कुछ घंटे मिला आराम का वक्त :
सुबह के बाद कुछ घंटे जासूसी कुत्तों आराम का वक्त मिला. इस दौरान उनकी पेट पूजा भी करायी गयी. उन्हें पेटीग्री दिया गया. एनडीआरएफ के जवान के अनुसार गत रोमियो और उसके साथी करीब ढ़ाई वर्षों से उनके कार्यों से जुड़े हुए हैं. उन्हें अपनी नौकरी के लिये खासी मशक्कत भी करनी पड़ी थी. रोमियो की ट्रेनिंग ओड़िशा में हुई है. वह अपने ट्रेनर की हर बात को समझता है. मौजूदा समय में उसका ठिकाना हरिणघाटा है. माझेरहाट ब्रिज हादसे के अलावा भी एनडीआरएफ के कई अभियानों में उन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

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