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कोलकाता माझेरहाट ब्रिज हादसा: लोगों ने कहा- पुल की होनी चाहिए थी मरम्मत
जिन्होंने बचाया उन्हें ही पुलिस ने खदेड़ दिया कोलकाता : माझेरहाट ब्रिज के ढहने के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा प्रशासन पर फूट पड़ा. कई ने प्रशासन पर राहत व उद्धार कार्य विलंब से शुरू करने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि राहत कार्य के शुरुआती दौर में सबसे पहले स्थानीय लोगों ने ही […]
जिन्होंने बचाया उन्हें ही पुलिस ने खदेड़ दिया
कोलकाता : माझेरहाट ब्रिज के ढहने के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा प्रशासन पर फूट पड़ा. कई ने प्रशासन पर राहत व उद्धार कार्य विलंब से शुरू करने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि राहत कार्य के शुरुआती दौर में सबसे पहले स्थानीय लोगों ने ही पहल की. पुलिस बाद में पहुंची.
हालांकि बाद में उन्हें ही वहां से हटाया जाने लगा. स्थानीय निवासी गुलाम मोहम्मद का कहना है कि शाम साढ़े चार बजे के करीब ब्रिज गिरा. वह करीब ही रहते हैं. ब्रिज गिरने की बात सुनकर कई लोग वहां पहुंचे. उन्होंने शुरुआती राहत वह बचाव कार्य किया. वहां फंसी बस से उन्होंने चार-पांच लोगों को बाहर निकाला. इनमें से कई लोग घायल थे.
पुलिस आधे घंटे बाद पहुंची. लेकिन पुलिस ने आते ही उन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया. मोहम्मद इजहार के मुताबिक ब्रिज काफी पुराना है. पोस्ता में ब्रिज गिरने के बाद सरकार को सचेत हो जाना चाहिए था लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. यह पुल तो 40 वर्ष पुराना है. इसकी मरम्मत करनी चाहिए थी. स्थानीय निवासी गुलाम मुस्तफा, शेख आजाद और शेख तब्दीर ने छह लोगों को फंसी बस से खुद ढोकर बाहर निकाला और एंबुलेंस में बैठाया.
एक और स्थानीय निवासी जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि ब्रिज के नीचे झुग्गियों में कई लोग रहते थे. उनके दबे होने की आशंका है. मौके पर मौजूद शेख शहाबुद्दीन ने कहा कि कुछ दोस्तों के साथ वह करीब ही बैठे थे. ब्रिज गिरने की बात सुनकर अपने दोस्तों के साथ वह पहुंचे और राहत कार्य में हाथ बंटाया. उन्होंने तीन लोगों को बस से निकाला.
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