28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नष्ट हुए मोबाइल व कंप्यूटर का डाटा बन सकता है मुसीबत, डाटा रिकवरी व इरेजर के प्रति लोगों में जागरूकता का अभाव

कोलकाता : खराब हो चुके मोबाइल या कंप्यूटर को प्राय: ही लोग बेकार जान कर घर के किसी कोने में फेंक देते हैं अथवा उसे अौने-पौने दाम पर दूसरे को बेच देते हैं, लेकिन नष्ट हुए मोबाइल व कंप्यूटर का डाटा मुसीबत पैदा कर सकता है. कोई उस डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकता है, […]

कोलकाता : खराब हो चुके मोबाइल या कंप्यूटर को प्राय: ही लोग बेकार जान कर घर के किसी कोने में फेंक देते हैं अथवा उसे अौने-पौने दाम पर दूसरे को बेच देते हैं, लेकिन नष्ट हुए मोबाइल व कंप्यूटर का डाटा मुसीबत पैदा कर सकता है. कोई उस डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकता है, क्योंकि उपकरण खराब होने के बावजूद मोबाइल या कंप्यूटर का डाटा नष्ट नहीं होता है, वरन सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर फिर से डाटा की रिकवरी की जा सकती है.
स्टेलर डाटा रिकवरी के सह-संस्थापक व निदेशक (घरेलू कारोबार) मनोज धींगरा ने मंगलवार को यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मोबाइल या कंप्यूटर में मौजूद डाटा के प्रति आम लोगों में बहुत ही कम जागरूकता है.
उन्होंने बताया कि लोग होटल में ठहरने के लिए जाते हैं. वहां व्यक्तिगत सूचनाओं की जरूरत होती है. लोग व्यक्तिगत जानकारियां जमा देते हैं, लेकिन होटल छोड़ने के बाद उन जानकारियों या डाटा पर ध्यान नहीं देते हैं और न ही उन्हें नष्ट करवाते हैं. उन जानकारियों का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने डाटा सुरक्षा अधिनियम का प्रारूप पेश किया है तथा उम्मीद है कि शीघ्र ही इस बाबत लोकसभा में विधेयक पारित होगा.
श्री धींगरा ने कहा कि कानून बनने के बाद निश्चित रूप से लोगों की सोच में परिवर्तन आयेगा तथा डाटा के प्रति सोच की संस्कृति बदलेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मोबाइल व सूचना तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, अगले पांच-सात सालों में डाटा के इस्तेमाल में तीन गुणा वृद्धि होने की संभावना है. भारत में फिलहाल लगभग 500 मिलियन इंटरनेट यूजर्स हैं. भारत, चीन के बाद मोबाइल का सबसे बड़ा बाजार है. पिछले कुछ वर्षों में देश में डिजिटलाइजेशन में तेजी से विकास हुआ है. मेट्रो शहरों के साथ-साथ टायर-2, टायर-3 तथा टायर-4 शहरों में डाटा रिकवरी व डाटा इरेजर के कारोबार में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है.
इसके मद्देनजर ही कंपनी स्टेलर डाटा रिकवरी ने अपने स्टेलर पार्टनर की संख्या 87 से बढ़ा कर 2019 में 200 करने का लक्ष्य रखा है. पश्चिम बंगाल में कंपनी का क्षेत्रीय कार्यालय साल्टलेक में है. पिछले कुछ वर्षों में कंपनी ने दुर्गापुर, सिलीगुड़ी व बीरभूम में पार्टनर नियुक्त किया है. कुल 70 पार्टनर में से 25 फीसदी पार्टनर पूर्वी भारत के हैं. नये पार्टनर की नियुक्ति से पश्चिम बंगाल में 2020 तक 250 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन होने की संभावना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें