राज्य में लोकतांत्रिक अधिकार खतरे में : विमान
कोलकाता : लोकसभा चुनाव के खत्म होने के बाद भी राज्य में वाम मोरचा के कार्यकर्ताओं व नेताओं पर हमले जारी हैं. उन इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है, जहां लोकसभा चुनाव में माकपा उम्मीदवारों को ज्यादा मत मिले थे. इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्ववाली राज्य सरकार की भूमिका निरंकुश है.
घटनाओं पर अंकुश लगाये जाने के लिए माकपा द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यह कहना गलत नहीं होगा कि राज्य में लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर खतरा बना हुआ है. ये बातें राज्य में वाम मोरचा के चेयरमैन व माकपा के सचिव विमान बसु ने रविवार को कहीं.
विमान बसु ने कहा कि राजनीतिक हिंसा पर रोकथाम के लिए वाम मोरचा का 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नौ जून को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलेगा और उन्हें इन घटनाओं के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए ज्ञापन सौंपेगा. उन्होंने कहा कि विगत शनिवार को आरामबाग के कुछ इलाकों का वाम मोरचा के प्रतिनिधिमंडल ने दौरा किया था. वहां की स्थिति काफी बुरी है. वाम मोरचा कार्यकर्ताओं को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है. आरोप के मुताबिक प्रशासन की ओर से उन्हें मदद नहीं मिल रही है.
आरामबाग के पुइन ग्राम में मतदान शुरू होने से पहले ही माकपा व वाम मोरचा के अन्य घटक दलों के कार्यकर्ताओं व नेताओं पर हमले शुरू हो गये थे, जो चुनाव खत्म होने के बाद भी जारी हैं. आरोप के मुताबिक हिंसा की घटनाओं में दो महिलाओं समेत वाम मोरचा के चार कार्यकर्ताओं की हत्या की गयी जबकि 62 कार्यकर्ताओं को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने कहा कि वाम मोरचा नेतृत्व उनके हर कार्यकर्ताओं के साथ है. यदि ऐसी घटनाओं पर जल्द अंकुश नहीं लगाया गया तो वाम मोरचा की ओर से व्यापक रूप से राज्यभर में आंदोलन चलाया जायेगा.