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कुछ रोहिंग्या प्रवासी अवैध गतिविधियों में शामिल

नयी दिल्ली/कोलकाता : सरकार ने लोकसभा में बताया कि भारत में रह रहे रोहिंग्या कुछ अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि रोहिंग्या लोगों को ‘शरणार्थी’ का दर्जा नहीं मिला है और वे ‘अवैध प्रवासी’ हैं. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अरविंद सावंत, रामस्वरूप शर्मा और सुगत बोस के पूरक […]

नयी दिल्ली/कोलकाता : सरकार ने लोकसभा में बताया कि भारत में रह रहे रोहिंग्या कुछ अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि रोहिंग्या लोगों को ‘शरणार्थी’ का दर्जा नहीं मिला है और वे ‘अवैध प्रवासी’ हैं. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अरविंद सावंत, रामस्वरूप शर्मा और सुगत बोस के पूरक प्रश्नों के उत्तर में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स को सजग किया गया है कि म्यांमार से लगी सीमा से रोहिंग्या भारत में प्रवेश नहीं कर सकें.
उन्होंने कहा कि फरवरी, 2018 में राज्यों को जारी ताजा परामर्श में कहा गया कि वे अपने यहां मौजूद रोहिंग्या की गणना करें और उनको एक निश्चित क्षेत्र में सीमित रखें तथा उनकी गतिविधि पर भी नजर रखें. श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों से रोहिंग्या के बारे में रिपोर्ट मांगी गयी है और रिपोर्ट मिल जाने के बाद हम इसे विदेश मंत्रालय को देंगे.
इसके बाद विदेश मंत्रालय रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने के बारे में वहां की सरकार से बात करेगा. उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर राज्य भी अवैध प्रवासियों को उनके देश भेज सकते हैं. इससे पहले, गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि रोहिंग्या भारत में शरणार्थी नहीं हैं, बल्कि अवैध प्रवासी हैं. उन्होंने कहा कि कई जगहों से रोहिंग्या लोगों के अवैध गतिविधि में शामिल होने की सूचना मिली है, हालांकि इस बारे में खुलासा नहीं किया जा सकता.
रिजिजू ने कहा कि राज्य ये सुनिश्चित करें कि रोहिंग्या प्रवासी किसी तरह का सरकारी दस्तावेज हासिल नहीं कर सकें. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में हैं. इसके अलावा तेलंगाना, दिल्ली और हरियाणा में भी रोहिंग्या हैं. मंत्री ने कहा कि म्यांमार में रखाइन प्रांत में राहत अभियान में भारत सरकार ने मदद की है.
रिजिजू ने कहा कि भारत शरणार्थियों से जुड़े संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन पर हस्ताक्षर नहीं किया है, लेकिन इस तरह के प्रवासियों लेकर नरम रुख रखता है. प्रश्नकाल के दौरान शिवसेना के अरविंद सावंत ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि इस तरह की जानकारी सामने आयी है कि रोहिंग्या लोगों ने सरकारी दस्तावेज हासिल कर लिए हैं और आनेवाले समय में वे वोट देने लगेंगे.
भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि रोहिंग्या गैरकानूनी ढंग से रह रहे हैं और कई ऐसी खबरें आयी हैं कि वो देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस के सुगत बोस ने कहा कि शरणार्थियों और जरूरतमंदों को शरण देने का भारत का इतिहास रहा है और रोहिंग्या के साथ भी इसी तरह पेश आना चाहिए.
एनआरसी के विरोध में विधानसभा में सर्वदलीय निंदा प्रस्ताव पारित
वाम विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि असम में वर्षों से रह रहे गैर असमियों लोगों को एनआरसी की सूची से बाहर कर दिया गया है. भाजपा का रवैया सदा ही बंगाली विरोधी रहा है तथा इसके नाम पर समाज का ताना बाना बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
भाजपा बंगाल और बंगाली विरोधी पार्टी है और एनआरसी को लेकर दोहरी नीति अपना रही है. वाम विधायक दल नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि एनआरसी ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक लाख 11 हजार असम में रह रहे बंगालियों की सूची भेजी थी तथा राज्य सरकार से उनके ऑथिटिकेशन के संबंध में जानकारी मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने इनमें से मात्र 5842 लोगों की ही ऑथेटिकेशन रिपोर्ट भेजी गयी.
उन्होंने सवाल किया कि आखिर उस समय राज्य सरकार ने क्यों इसका विरोध नहीं किया और बंगाल-असम की सीमा पर क्यों सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. श्री चक्रवर्ती के बयान पर राज्य के मंत्री अरुप विश्वास ने प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि इतने अधिक लोगों के ऑथेंटिकेशन की जांच करना राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है.
एनआरसी के खिलाफ आंदोलन करेंगे : मन्नान
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने असम में एनआरसी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि एनआरसी के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करना होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. भाजपा नेता देश की तुलना धर्मशाला से कर रहे हैं और प्रधानमंत्री चुप हैं. प्रधानमंत्री से मानवता की आशा की भी नहीं जा सकती है. उन्होंने कहा कि एनआरसी के खिलाफ बंगाल के सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर आंदोलन करेंगे.

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