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रक्षा विभाग को भवन बनाने की मिली अनुमति
कोलकाता : प्रेसिडेंसी सुधारगृह के विपरीत डिफेंस बिल्डिंग बनाने पर राज्य की आपत्ति को खारिज करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने रक्षा कार्यालय व आवासन बनाने की अनुमति दे दी है. बुधवार को न्यायाधीश देवांशु बसाक की अदालत में यूनियन ऑफ इंडिया के मामले की सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल कौशिक चंद ने कहा कि प्रेसिडेंसी […]
कोलकाता : प्रेसिडेंसी सुधारगृह के विपरीत डिफेंस बिल्डिंग बनाने पर राज्य की आपत्ति को खारिज करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने रक्षा कार्यालय व आवासन बनाने की अनुमति दे दी है. बुधवार को न्यायाधीश देवांशु बसाक की अदालत में यूनियन ऑफ इंडिया के मामले की सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल कौशिक चंद ने कहा कि प्रेसिडेंसी सुुधारगृह के विपरीत 4/1 बेलवेडियर रोड के करीब डिफेंस की काफी जमीन खाली थी. केंद्र सरकार की अनुमति लेकर 2016 में वहां डिफेंस का कार्यालय व आवासन तैयार करने का काम शुरू हुआ, लेकिन अलीपुर थाने की पुलिस ने जाकर नियम दिखाकर निर्माण कार्य रोकने के लिए कहा. बाद में कोलकाता नगर निगम की ओर से भी काम बंद रखने के लिए नोटिस जारी किया गया. कोलकाता नगर निगम के उस स्थगनादेश को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी. उन्होंने यह भी कहा कि बिल्डिंग एक्ट के मुताबिक डिफेंस की जमीन पर किसी भी निर्माण के लिए उन्हें अनुमति नहीं लेनी होती. राज्य के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त का कहना था कि राज्य की सुरक्षा का मामला राज्य को ही देखना होगा. वहां कैसी बिल्डिंग बन रही है उसकी कोई लिखित जानकारी नगर निगम या राज्य प्रशासन को नहीं मिली. इसलिए निर्माण कार्य के लिए स्थगनादेश जारी किया गया था. इसके अलावा बिल्डिंग के करीब ही प्रेसिडेंसी जेल (सुधारगृह) है. लिहाजा सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार चिंतित है. कोलकाता नगर निगम की ओर से वकील आलोक घोष ने कहा कि जहां भी निर्माण क्यों न हो नगर निगम को बताना उचित है, अन्यथा निगम कानून का उल्लंघन होता है. निगम के साथ इस संबंध में चर्चा करने पर निगम सुझाव दे सकता है, ताकि बाद में कोई समस्या न हो. हालांकि राज्य व निगम की आपत्ति को अदालत ने खारिज कर दिया.
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