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तंबाकू बेचनेवालों पर निगम की पैनी नजर, चेयरपर्सन माला राय ने दी चेतावनी, कहा – नहीं होगा लाइसेंस का नवीकरण

कोलकाता : विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर केवल एक दिन जागरूकता फैलाने मात्र से लोग सचेत नहीं होंगे. तंबाकू के प्रति जनमानस को जागरूक करने के लिए साल भर जागरूकता की लौ को जलाये रखने की जरूरत है. धूम्रपान से दांत, हार्ट, फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं. […]

कोलकाता : विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर केवल एक दिन जागरूकता फैलाने मात्र से लोग सचेत नहीं होंगे. तंबाकू के प्रति जनमानस को जागरूक करने के लिए साल भर जागरूकता की लौ को जलाये रखने की जरूरत है. धूम्रपान से दांत, हार्ट, फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं.
इसके बाद भी लोग धूम्रपान की लत को नहीं छोड़ते. धूम्रपान की तरह खैनी, गुटखा भी हानिकारक हैं, लेकिन लोग धड़ल्ले से इनका सेवन करते हैं. तंबाकू पर देश भर में रोक लगाने की जरूरत है. केंद्र सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. यह बातें कोलकाता नगर निगम की चेयरपर्सन माला राय ने कहीं.
वह गुरुवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की पश्चिम बंगाल शाखा, इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आइडीए) की पश्चिम बंगाल शाखा, नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल तथा संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एचएचएफ) के संयुक्त तत्वावधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निगम की चेयरपर्सन माला राय ने कहा कि स्कूल-कॉलेजों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू, गुटखा, खैनी की बिक्री पर रोक होते हुए भी इस कानून की अनदेखी की जा रही है. ऐसे में कोलकाता नगर निगम की ओर से अब सख्ती बरती जायेगी. 100 मीटर के दायरे में तंबाकू बेचने वाले दुकानदारों के लाइसेंस का नवीकरण नहीं किया जायेगा.
मौके पर उपस्थित राज्यसभा के सांसद डॉ शांतनु सेन ने कहा कि तंबाकू से सरकार को आया होती है, इसलिए सरकार इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा पा रही है. तंबाकू की खरीद बिक्री पर रोक लगाने के लिए वह मानसून सत्र में राज्यसभा में प्रस्ताव रखेंगे, ताकि सरकार रोकथाम के लिए नये कानून को पारित करे. मौके पर उपस्थित नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के विभागाध्यक्ष हेड, नेक आॅन्कोलोजिस्ट डाॅ सौरभ दत्ता ने कहा कि तंबाकू छोड़ना आसान नहीं है.
उन्होंने बताया कि भारत में हर साल करीब 10 लाख नये कैंसर के मामले सामने आते हैं, जबकि देश भर में करीब 2.5 मिलियन मरीज हैं. वहीं 6 लाख-7 लाख की मृत्यु दर के साथ देश में छह प्रतिशत वयस्क लोगों की मृत्यु कैंसर के कारण होती है. मौके तृणमूल विधायक डॉ निर्मल मांझी, संबंध हैल्थ फाउंडेशन (एचएचएफ) के संजय सेठ, स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी डॉ अदिति किशोर सरकार, आईडीए के डॉ राजू विश्वास समेत अन्य चिकित्सक उपस्थित थे.

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