कोलकाता : श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर आधारित फिल्म ‘1946 कलकत्ता किलिंग्स’ अगले महीने रिलीज होगी. फिल्म के निर्देशक के मुताबिक इसे सेंसर बोर्ड की मंजूरी मिल गयी है, जिसने इसे यू/ ए प्रमाणपत्र जारी किया है. निर्देशक मिलन भौमिक ने बताया कि हिंदी और बांग्ला भाषा में बनी यह फिल्म 14 अप्रैल को देश भर के 350 सिनेमाघरों में रिलीज होगी.
भौमिक ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की फिल्म प्रमाणन अपीलीय अधिकरण (एफसीएटी) ने उनसे फिल्म में मुहम्मद अली जिन्ना के किरदार द्वारा जवाहरलाल नेहरू के बारे में कही गयी एक टिप्पणी हटाने को कहा और इसके पीछे यह आधार दिया कि इसने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री की अच्छी छवि नहीं दिखाई है.
फिल्म निर्माताओं ने एक संदेश जारी कर कहा है कि फिल्म का उद्देश्य युवाओं को सांप्रदायिक हिंसा के खतरों के बारे में शिक्षित करना है, जैसा कि सीबीएफसी अधिकरण ने कहा था.
फिल्म में श्यामा प्रसाद को एक महान दूरदृष्टा, बंगाल के वास्तुकार और सभी समुदायों के नेता के रूप में दिखाया गया है.
यह फिल्म 1946 के कोलकाता पर आधारित है. जिसमें नेहरू, जिन्ना और तत्कालीन भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद के ऐतिहासिक किरदार का चित्रण किया गया है. श्यामा प्रसाद की भूमिका फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष गजेंद्र चौहान ने निभायी है.
भौमिक ने बताया कि सीबीएफसी के कोलकाता और मुंबई कार्यालयों द्वारा फिल्म को प्रमाणन दिए जाने से इनकार करने के बाद 2017 की शुरुआत में उन्होंने एफसीएटी में अपील की थी. गौरतलब है कि फिल्म को प्रमाणन देने से इस आधार पर इनकार किया गया था कि इसमें कुछ नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी हैं और ये साम्प्रदायिक असौहार्द पैदा कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि उनकी फिल्म में 1946 की हिंसा का महिमामंडन नहीं किया गया है. उनका उद्देश्य लोगों को ऐसी हरकतों को अंजाम देने वालों के बारे में आगाह करना और युवाओं को दंगों के खतरे के बारे में शिक्षित करना है.