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26 इंजीनियर व 300 श्रमिक कर रहे सुरंग की खुदाई
श्रीकांत शर्मा कोलकाता : हुगली नदी की तल से 35 मीटर नीचे से इस्ट-वेस्ट मेट्रो की खुदाई काम करीब तीन किलोमीटर से ज्यादा पूरा हो चुका है. केएमआरसीएल के इंजीनियरों से मिली जानकारी के अनुसार दो शिफ्ट में 26 इंजीनियर के साथ कुल 300 श्रमिक रात-दिन सुरंग के भीतर काम कर रहे हैं. यानी दो […]
श्रीकांत शर्मा
कोलकाता : हुगली नदी की तल से 35 मीटर नीचे से इस्ट-वेस्ट मेट्रो की खुदाई काम करीब तीन किलोमीटर से ज्यादा पूरा हो चुका है.
केएमआरसीएल के इंजीनियरों से मिली जानकारी के अनुसार दो शिफ्ट में 26 इंजीनियर के साथ कुल 300 श्रमिक रात-दिन सुरंग के भीतर काम कर रहे हैं. यानी दो शिफ्टों में सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक और रात आठ से सुबह आठ बजे तक 24 घंटे सुरंग की खुदाई का काम चल रहा है.
दो सुरंगों की खुदाई दो अर्थ प्रेशर बैलेंस टनेल बोरिंग मशीन (इपीबीटीबीएम) कर रही है. इसमें एक का नाम प्रेरणा और दूसरी दूसरी इपीबीटीबीएम का नाम रचना है. इन कुशल इंजीनियरों की टीम में मुख्य रूप से चीफ इंजीनियर (सिविल) विश्नाथ दीवान, एफकॉन के प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर वीरेंद्र कौल, टनेल मैनेजर पॉल वैरल, हेड ऑफ क्वॉलिटी कंट्रोल मन्नू गोयल, जनरल कंसलटेंट-प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर केन वांग, टनेल इंजीनियर माइक बोर्डमैन, शाहबाज खान,शुभम शर्मा और टीवीएम इंजीनियर राधाबंदी श्रीनिवास दिन-रात लगे हुए हैं.
कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेउ (केएमआरसीएल) द्वारा इस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना में बेहतरीन काम करनेवाले इंजीनियरों व अधिकारियों को पिछले दिनों सम्मानित किया. केएमआरसीएल के महाप्रबंधक (प्रशासनिक व जनसंपर्क) एके नंदी ने बताया कि हावड़ा से एसप्लेनेड की इस्ट-वेस्ट मेट्रो टनेल को तैयार करने के लिए विश्व भर से इंजीनियरों की टीम कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है. कुल 3.8 किलोमीटर टनेल की खुदाई का काम पूरा हुआ है.
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