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रोजगार व समानता को प्राथमिकता दें

सम्मेलन. यंग इंडियंस के कोलकाता चैप्टर के वार्षिक दिवस कार्यक्रम में बोले प्रणव कहा : 2022 तक भारत विश्व के सबसे अधिक कामकाजी आबादी वाले देशों के रूप में उभरेगा कोलकाता : सीआइआइ की युवा शाखा यंग इंडियंस (वाइआइ) के कोलकाता चैप्टर का वार्षिक दिवस कार्यक्रम शनिवार को ताज बंगाल में आयोजित किया गया. इस […]

सम्मेलन. यंग इंडियंस के कोलकाता चैप्टर के वार्षिक दिवस कार्यक्रम में बोले प्रणव

कहा : 2022 तक भारत विश्व के सबसे अधिक कामकाजी आबादी वाले देशों के रूप में उभरेगा
कोलकाता : सीआइआइ की युवा शाखा यंग इंडियंस (वाइआइ) के कोलकाता चैप्टर का वार्षिक दिवस कार्यक्रम शनिवार को ताज बंगाल में आयोजित किया गया. इस माैके पर मुख्य अतिथि के ताैर पर उपस्थित देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि नयी योजनाओं के जरिये भारत निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है. वर्ष 2022 तक भारत विश्व के सबसे अधिक कामकाजी आबादी वाले देशों के रूप में उभरेगा. भारत श्रमशक्ति, शिक्षा और कौशल विकास के मामले में ग्लोबल सप्लायर के रूप में आगे आयेगा. अभी युवाओं को रोजगार मुहैया कराना पहली प्राथमिकता व चुनाैती है. शिक्षित व दक्ष कर्मचारियों की मांग देश में बढ़ रही है,
इनके रोजगार से ही देश विकास करेगा. बिजनेस व अन्य क्षेत्र से जुड़े युवाओं से पूर्व राष्ट्रपति ने आह्वान किया कि आनेवाले समय में देश की जिम्मेदारी उन्हें ही संभालनी है, वे इस बात का ध्यान रखें. दक्ष श्रमशक्ति का उपयोग देश के संसाधन के रूप में बहुत बेहतर तरीके से किया जा सकता है. आज के युवा उद्यमी पर यह जिम्मेदारी है कि वे समानता व न्याय के लिए अपना योगदान दें. दूसरे युवाओं को भी वे आगे बढ़ने व आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करें.
बोले पूर्व राष्ट्रपति : देश तभी आगे बढ़ेगा, जब आय के साधन भी बढ़ेंगे
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि भारत में काफी निपुण टैक्सटाइल उद्योग हैं, इसका कार्यक्षेत्र बढ़ाने से नये अवसर बन सकते हैं. इसमें प्रशिक्षित युवाओं के लिए भी रोजगार की संभावना बन सकती है. ऐसा न हो कि जनसांख्यिकीय लाभ से मानव सम्पदा की क्षति हो जाये. इस स्थिति से बचने के लिए युवा उद्यमियों को प्रयास करना होगा. देश तभी आगे बढ़ेगा, जब न केवल शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम होगा बल्कि आय के साधन भी बढ़ेंगे. विकास की दिशा व दशा ऐसी होनी चाहिए,
जिससे समानता व साैहार्द बना रहे. उनका कहना है कि समाज में अभी भी सामाजिक असमानता है. विकसित देशों में अभी भी केवल 13 प्रतिशत लड़कियां ही स्कूल जा पाती हैं, यह चिंता की बात है. सभी को शिक्षा व स्वास्थय सेवाएं मिलनी चाहिए. कार्यक्रम में वाइआइ के रजत सरावगी, नीता कर्मकार, हर्ष खेमका सहित कई सदस्य माैजूद रहे.

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