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अदालत ने दी बीडीओ का वेतन बंद करने की चेतावनी
कोलकाता : कन्याश्री के पैसे रोक कर रखने पर खानाकुल-1 नंबर ब्लॉक के बीडीओ के वेतन को बंद करने की चेतावनी कलकत्ता हाइकोर्ट ने दी है. सोमवार को न्यायाधीश देवांशु बसाक ने सरकारी वकील को कहा कि यदि रूपाली दत्त नामक युवती के कन्याश्री परियोजना के पैसे यदि सात दिनों के भीतर बीडीओ नहीं देते […]
कोलकाता : कन्याश्री के पैसे रोक कर रखने पर खानाकुल-1 नंबर ब्लॉक के बीडीओ के वेतन को बंद करने की चेतावनी कलकत्ता हाइकोर्ट ने दी है. सोमवार को न्यायाधीश देवांशु बसाक ने सरकारी वकील को कहा कि यदि रूपाली दत्त नामक युवती के कन्याश्री परियोजना के पैसे यदि सात दिनों के भीतर बीडीओ नहीं देते हैं तो उनके वेतन को बंद करने का निर्देश अदालत देगी.
रूपाली के वकील शुभनील चक्रवर्ती ने कहा कि हुगली के राधानगर के राजा राममोहन कॉलेज में 2014 में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा रहने के दौरान उनकी मुवक्किल ने कन्याश्री के पैसे हासिल करने के लिए आवेदन किया था. कॉलेज प्रबंधन ने रूपाली को 25 हजार रुपये देने की सिफारिश भी की थी. सिफारिश सहित आवेदन पत्र को कॉलेज प्रबंधन ने बीडीओ कार्यालय को भेजा लेकिन कई महीने बीत जाने पर भी पैसे नहीं मिले. परियोजना की वेबसाइट से रूपाली को पता चला कि उनका आवेदनबीडीओ के पास विचाराधीन है. बीडीओ व एसडीओ कार्यायलय में रूपाली ने कई पत्र लिखे. लेकिन फिर भी काम न होने पर कानूनी रास्ता उसने अपनाया. यहां से भी पता चला कि बीडीओ के पास आवेदन पड़ा है.
गत वर्ष परियोजना के शिकायत संबंधी विभाग में उनके मुवक्किल ने जानना चाहा कि परियोजना के पैसे न दिये जाने का कारण उन्हें बताया जाये. गत नवंबर महीने में विभाग की ओर से बताया गया कि 2013-14 के पैसे का आवंटन बंद कर दिया गया है. इसके बाद रूपाली ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में उन्होंने कहा कि परियोजना के पैसे उन्हें नहीं मिल सकते यह उन्हें एक बार भी नहीं बताया गया.
किसी कारण के बगैर ही उन्हें कैसे उनके अधिकार से वंचित रखा जा सकता है? उनके वकील ने बताया कि कुछ दिन पूर्व न्यायाधीश देवांशु बसाक ने राज्य सरकार से जानना चाहा था कि आखिर याचिकाकर्ता को परियोजना के तहत पैसे क्यों नहीं दिये जा रहे वह अदालत को बताया जाये. सोमवार को मामले की सुनवाई थी. सरकारी वकील ने कहा कि आवेदनकारी कन्याश्री परियोजना के तहत पैसे पाने के योग्य है.
उसे वह दिया जायेगा. न्यायाधीश ने सरकारी वकील को स्पष्ट कर दिया कि वह संबंधित बीडीओ को सात दिनों का समय दे रहे हैं. इस बीच पैसे यदि न दिये गये तो उनके वेतन को बंद करने का निर्देश अदालत देगी. आगामी 20 फरवरी को अदालत में बताना होगा कि पैसे दिये गये या नहीं.
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