अमित शर्मा
कोलकाता : लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के तहत 12 मई को बंगाल में 17 सीटों पर मतदान होंगे. यहां की कोलकाता उत्तर सीट को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कांग्रेस व तृणमूल गंठबंधन टूटने व पूरे देश में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर से यहां भी लड़ाई चतुष्कोणीय होने की संभावना है.
कोलकाता उत्तर लोकसभा क्षेत्र में राजस्थान मूल के निवासियों, हिंदीभाषी व गैर-बांग्लाभाषियों की तादाद काफी है. ऐसे में किसी भी दल के लिए उन्हें अलग रख चुनाव की तैयारी संभव नजर नहीं आती. कोलकाता उत्तर सीट पर वाम मोरचा उम्मीदवार रूपा बागची का मानना है कि इस बार लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष नेता की नहीं, बल्कि नीतियों की है. तृणमूल कांग्रेस की नीतियों को जनविरोधी करार देते हुए उन्होंने कहा कि जनता पर उन्हें पूरा विश्वास है. यदि निष्पक्ष चुनाव हुआ तो वाम मोरचा को सफलता जरूर मिलेगी. चुनाव संबंधी व अन्य कई मुद्दों को लेकर रूपा बागची से प्रभात खबर ने विशेष बातचीत की. पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश :
सवाल : इस बार लोकसभा चुनाव को कितना महत्वपूर्ण मान रही हैं?
जवाब : लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. यह किसी व्यक्ति विशेष या नेता की लड़ाई नहीं है, बल्कि नीतियों की है.
सवाल : कोलकाता उत्तर में माड़वाड़ी व हिंदीभाषियों की तादाद अच्छी है. ऐसे में यहां के मुकाबले को लेकर क्या कहेंगी?
जवाब : जी हां, राजस्थानी मूल के निवासी, हिंदीभाषी व गैर-बांग्लाभाषी चुनाव में अहम भूमिका निभायेंगे. उनके हितों की अनदेखी कतई नहीं की जा सकती है. मेरा मानना है कि बड़ाबाजार इलाके में भाजपा का वोट बढ़ेगा, लेकिन वह मुख्य मुकाबले में नहीं होगी. रही बात तृणमूल कांग्रेस की तो, दूसरे चरण के तहत राज्य में नौ सीटों पर हुए मतदान के दौरान रिंगिंग की घटनाओं से सत्तारूढ़ दलों का जो चेहरा सामने आया, लोग उससे वाकिफ हो गये हैं. यदि निष्पक्ष चुनाव हुआ तो कोलकाता उत्तर सीट पर वाममोरचा का नतीजा बेहतर होगा.
सवाल : वर्तमान सरकार को 10 में से कितना नंबर देंगी?
जवाब : नंबर तो जनता ही देगी. वैसे नंबर तभी मिलेंगे, जब कुछ विकास कार्य हुए हों. वाम मोरचा सरकार के शासनकाल में कई परियोजनाएं शुरू की गयी थी. उनमें से कुछ का काम धीमा चल रहा है, तो कुछ बंद हैं. फिलहाल इस संसदीय क्षेत्र से तृणमूल के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय हैं. विवेकानंद रोड में फ्लाइ ओवर निर्माण का काम धीमा पड़ गया है, जबकि इस्ट वेस्ट मेट्रो के निर्माण का काम रुक गया है. इलाके में सांसद कोटे से किया गया काम नहीं दिख रहा है. बेरोजगारी बढ़ी है. औद्योगिकीकरण की दिशा में राज्य पिछड़ गया है. कोई नया उद्योग नहीं लग रहा है. महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि जनता उन्हें कितना नंबर देगी?
सवाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदीभाषियों को मेहमान करार देते हुए उन्हें मेहमान की तरह रहने की हिदायत दी है. आपकी क्या राय है?
जवाब : मैं नहीं मानती हिंदीभाषी या गैर-बांग्लाभाषी मेहमान हैं. उन्हें मेहमान कतई नहीं कहा जा सकता है. बंगाल को गढ़ने में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण है.
सवाल : चुनाव प्रचार में कौन-सा मुद्दा आपकी पहली प्राथमिकता है?
जवाब : चुनाव प्रचार में इलाके के विकास का मुद्दा उठा रहे हैं. पौने तीन वर्ष के दौरान तृणमूल सरकार के कामकाज के मुद्दे को भी उठा रहे हैं. परिवर्तन हुआ है, लेकिन स्थानीय स्तर पर परिवर्तन दिखायी नहीं देता है. राज्य सरकार ने 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन वह रोजगार नहीं मिले हैं. औद्योगिकीकरण की दिशा में राज्य पिछड़ गया है. महिला अत्याचार के मामले में पश्चिम बंगाल का स्थान देश में नंबर वन हो गया है.
सवाल : यदि इस बार आप जनप्रतिनिधि चुनी जाती हैं तो कौन से कार्य को प्राथमिकता देंगी?
जवाब : विवेकानंद रोड पर फ्लाइ ओवर निर्माण का काम धीमा पड़ गया है, जबकि इस्ट-वेस्ट मेट्रो के निर्माण का काम ठप है. इसपर ध्यान देना जरूरी है. उल्टाडांगा इलाके में वाटर पंप स्थापित करना व नारी की सुरक्षा अहम है.