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कचरे से पटा बड़ाबाजार का विवेकानंद फ्लाइओवर

अमित शर्मा कोलकाता : बड़ाबाजार इलाके में विवेकानंद फ्लाइओवर का एक हिस्सा 31 मार्च, 2016 को ढह गया था. हादसे ने करीब 27 लोगों की जान ले ली थी. हादसे का खौफ इलाके के लोगों के जेहन में अब भी बना हुआ है. घटना के बाद से फ्लाइओवर का निर्माण कार्य फिलहाल बंद है. अब […]

अमित शर्मा
कोलकाता : बड़ाबाजार इलाके में विवेकानंद फ्लाइओवर का एक हिस्सा 31 मार्च, 2016 को ढह गया था. हादसे ने करीब 27 लोगों की जान ले ली थी. हादसे का खौफ इलाके के लोगों के जेहन में अब भी बना हुआ है.
घटना के बाद से फ्लाइओवर का निर्माण कार्य फिलहाल बंद है. अब वहां की अलग ही स्थिति है. बहुमंजिली इमारतों से बिल्कुल सटे फ्लाइओवर का अधिकांश हिस्सा कचरे से पट रहाहै. फ्लाइओवर में फैल रहे कचरे का अंबार बड़ाबाजार इलाके में बीमारियों को आमंत्रण दे रहा है.
खिड़कियां हैं लेकिन खोल नहीं सकते : 25 नंबर वार्ड अंतर्गत विवेकानंद रोड के निवासी बापी दास का मकान भी ऐसी बहुमंजिली इमारत का हिस्सा है जो फ्लाइओवर के बिल्कुल पास है.
बापी और आसपड़ोस में रहने वाले कुछ लोगों से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि फ्लाइओवर से सटी ऐसी कई बहुमंजिली इमारतें हैं जहां रहने वाले लोगों फ्लाइओवर पर फैल रहे कचरे से जूझ रहे हैं. कचरे से मच्छर और कीड़े जहां लोगों की परेशानी का सबब बने रहे हैं वहीं चूहों व बिल्लियों का उत्पात भी कम नहीं है. इमारतों में खिड़कियां हैं लेकिन लोग उसे खोल नहीं सकते हैं. कचरे से होने वाली दुर्गंध भी अलग परेशानी है. बारिश होने पर स्थिति और विषम हो जाती है.
लोगों ने कहा कि ऊंचे फ्लोर पर रहने वाले लोग कचरा फ्लाइओवर में फेंक देते हैं. समस्या उन लोगों को हो रही है जिनकी मकान की खिड़कियां फ्लाइओवर से बिल्कुल सटा है. लोगों ने मांग की है कि फ्लाइओवर पर फैल रहे कचरे को लेकर प्रशासन की ओर से कुछ कदम उठाये जायें क्योंकि फ्लाइओवर पर सफाई उनके वश में नहीं है.
क्या कहना है जन प्रतिनिधि का
विवेकानंद फ्लाइओवर हादसे के बाद फ्लाइओवर पर सफाई कार्य फिलहाल संभव नहीं है. मुख्य बात यह है कि कचरा फेंक कौन रहा है? निगम की ओर से कई दफा बहुमंजिली इमारतों में रहने वाले लोगों से फ्लाइओवर पर कचरा नहीं फेंकने की अपील की गयी, लेकिन फायदा नहीं हो पाया है. साफ-सफाई के लिए लोगों को भी सचेत होने की जरूरत है.
-स्मित बक्सी, स्थानीय विधायक व पार्षद
फ्लाइओवर को लेकर स्थानीय लोगों में संशय की स्थिति
सूत्रों के अनुसार आइआइटी खड़गपुर के विशेषज्ञों की टीम की ओर से परामर्श दिया गया है कि विवेकानंद फ्लाइओवर को शेष हिस्से को भी ध्वस्त कर देना उचित होगा. फ्लाइओवर के ढहने के बाद से ही वहां निर्माण कार्य बंद है. ऐसे में फ्लाइओवर को लेकर लोगों के बीच संशय बना हुआ है.
इलाके के कई लोगों ने मांग की है कि फ्लाइओवर को ध्वस्त कर दिया जाये. कुछ लोगों ने प्रश्न किया है कि फ्लाइओवर का निर्माण कार्य शुरू होने से क्या गारंटी है कि वहां हादसा नहीं हो?
कुछ लोगों ने यह भी कहा कि वे फ्लाइओवर का निर्माण चाहते हैं लेकिन मजबूत अवस्था में. क्योंकि 2016 के हादसे की भयानक स्थिति फिर नजर नहीं आये. जानकारी के अनुसार पूर्ववर्ती वाममोरचा के शासनकाल में यानी वर्ष 2009 में फ्लाइओवर परियोजना शुरू की गयी थी. परियोजना के लिए करीब 200 करोड़ रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं.

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