27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अपनी खुशी का इजहार भी नहीं कर पा रहे भाजपा नेता

कोलकाता : प्रदेश भाजपा के नेता इन दिनों बेहद खुश हैं. वजह है उलबेड़िया और नोआपाड़ा में हो रहे उप चुनाव में दोनों ही सीटों पर प्रदेश के संगठन से जुड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं. इसे भाजपा के अंदरखाने में संगठन की जीत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि उलबेड़िया लोकसभा सीट […]

कोलकाता : प्रदेश भाजपा के नेता इन दिनों बेहद खुश हैं. वजह है उलबेड़िया और नोआपाड़ा में हो रहे उप चुनाव में दोनों ही सीटों पर प्रदेश के संगठन से जुड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं. इसे भाजपा के अंदरखाने में संगठन की जीत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि उलबेड़िया लोकसभा सीट से प्रदेश भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय गायक अभिजीत भट्टाचार्य और नोआपाड़ा से मुकुल राय तृणमूल कांग्रेस के मंजू बसु को उम्मीदवार बनाना चाहते थे. लेकिन अभिजीत ने बाद में इंकार कर दिया,

तो वहां से हावड़ा जिला ग्रामीण के अध्यक्ष अनुपम मल्लिक को मैदान में उतारा गया. वहीं, मंजू बसु का नाम नोआपाड़ा से उम्मीदवार के रूप में घोषित हो चुका था. लेकिन उनके इंकार करने के बाद वहां से संगठन के नेता संदीपन बनर्जी को उम्मीदवार के रूप में उतारा गया है. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष और उनकी टीम हर हाल में संगठन से जुड़े लोगों को उताराना चाहती थी, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल राय हर हाल में हेवीवेट के पक्ष में थे. दोनों का दांव विफल होने से प्रदेश भाजपा के लोग यह कह रहे हैं कि संगठन को दरकिनार रखने का कोई मतलब नहीं होता. फिलहाल लोग खुश तो हैं,

लेकिन अपनी खुशी का इजहार खुलकर नहीं कर पा रहे हैं. प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश महामंत्री राजू बनर्जी से जब इस बारे में पूछा गया, कि तो उन्होंने कहा कि मंजू बसु अपने व्यक्तिगत कारणों से उम्मीदवार नहीं बनीं. यह उनका मामला है. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बोलूंगा. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि इसके पहले कोलकाता नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आकर चुनाव लड़नेवाले वार्ड नंबर सात और 70 से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद दोनों उम्मीदवार तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. जबकि आठ नंबर वार्ड से चुनाव का नामांकन पत्र भर कर अंतिम समय में उम्मीदवारी वापस लेने की घटना भी हुई. इसके अलावा प्रदीप घोष तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आकर चुनाव लड़े और हारने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गये. इन सब का हवाला देते हुए जब राजू बनर्जी से पूछा गया कि मंजू बसू ने पहले ही अपना रूख साफ कर दिया तो ऐसे में भाजपा फिर क्या बाहरी लोगों पर यकिन करेगी. इस पर उन्होंने कहा कि राजनीति में इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. इसे ज्यादा महत्व देने की जरूरत नहीं है. कुल मिलाकर प्रदेश भाजपा के नेता इस बात से खुश हैं कि संगठन से जुड़े लोगों को सम्मान मिला, जिसके वे हकदार थे. लेकिन वे अपनी खुशी का इजहार खुलकर नहीं कर पा रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें